Surya Namaskar Benefits: योग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है, और सूर्य नमस्कार को ‘योग की आत्मा’ कहा जाता है। सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक समूह है, जो हमारे शरीर को ताकतवर और लचीला बनाता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। आजकल जब लोगों के पास समय की कमी है, सूर्य नमस्कार एक प्रभावी और समय-समय पर किए जाने वाला अभ्यास है।
सूर्य नमस्कार के 10 प्रमुख फायदे
- शरीर को लचीला बनाता है: सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर की मांसपेशियां लचीली और मजबूत बनती हैं।
- वजन घटाने में मदद: यह कैलोरी बर्न करने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में आसानी होती है।
- रक्त संचार को बेहतर करता है: यह शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है।
- तनाव कम करता है: सूर्य नमस्कार मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे मन में शांति बनी रहती है।
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार: यह हृदय की कार्यक्षमता को बेहतर करता है, रक्तचाप को सामान्य बनाए रखता है।
- पाचन क्रिया में सुधार: सूर्य नमस्कार पेट के अंगों को सक्रिय करता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है।
- मांसपेशियों को मजबूत करता है: यह पूरे शरीर की मांसपेशियों को टोन और स्ट्रेच करता है।
- स्वास्थ्य में संतुलन बनाए रखता है: शरीर और मानसिक स्थिति में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
- स्ट्रेस और अनिद्रा से राहत: सूर्य नमस्कार मानसिक और शारीरिक शांति को बढ़ाता है, जो गहरी नींद को प्रोत्साहित करता है।
- शरीर की ताजगी बढ़ाता है: नियमित सूर्य नमस्कार से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जिससे दिनभर ताजगी बनी रहती है।
सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका
सूर्य नमस्कार के अभ्यास के लिए सबसे पहले समतल जमीन पर एक योगा मैट बिछाएं। इसे धीमे-धीमे और सही तरीके से करना जरूरी है। सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं, जिनमें कुछ प्रमुख हैं:
- प्रणामासन: हाथ जोड़कर सूर्य को प्रणाम करना।
- हस्त उत्तानासन: हाथों को ऊपर की ओर उठाना और पीछे की तरफ झुकना।
- पादहस्तासन: शरीर को आगे झुका कर पैरों के उंगलियों को छूना।
- अश्व संचालनासन: एक पैर को पीछे लेकर घुटने को जमीन से टच करना।
- दंडासन और अष्टांग नमस्कार: पुश-अप पोजीशन में आना और शरीर को जमीन से मिलाना।
- भुजंगासन: कोबरा पोजीशन में शरीर को ऊपर उठाना।
- पर्वतासन: शरीर को पर्वत के जैसा बनाना और कूल्हों को ऊपर उठाना।
इन आसनों को क्रमवार और सही तरीके से करना चाहिए। शुरुआत में धीमी गति से करें और आसनों के दौरान सांस पर ध्यान रखें।
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सूर्य नमस्कार के दौरान सावधानियां
- खाली पेट करें: सूर्य नमस्कार हमेशा सुबह ताजे हवा में खाली पेट करें।
- सांस पर ध्यान रखें: आसन करते समय नाक से ही सांस लें और छोड़ें।
- धीरे-धीरे करें: शुरुआत में इसे धीरे-धीरे करें और जल्दबाजी से बचें।
- वार्म-अप करें: सूर्य नमस्कार से पहले शरीर को अच्छे से वार्म-अप करें।
- आरामदायक कपड़े पहनें: योग अभ्यास करते समय ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।
किन लोगों को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए?
कुछ लोगों के लिए सूर्य नमस्कार करना सुरक्षित नहीं होता। इनमें शामिल हैं:
- गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को सूर्य नमस्कार से बचना चाहिए।
- कलाई में चोट या हार्निया: जिन लोगों को कलाई में गंभीर चोट लगी हो या हार्निया की समस्या हो, उन्हें यह नहीं करना चाहिए।
- हार्ट या ब्लड प्रेशर के मरीज: हार्ट डिजीज या उच्च रक्तचाप के मरीजों को योग शिक्षक से परामर्श लेने के बाद ही इसे करना चाहिए।
- जो हाल ही में सर्जरी करवा चुके हैं: जिन्हें हाल ही में सर्जरी हुई हो, उन्हें भी सूर्य नमस्कार से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।