Ganga Dussehra 2024 Kab Hai: पापों से मुक्ति दिलाने वाला गंगा दशहरा 2024 (Ganga Dussehra 2024) आ रहा है। गंगा दशहरा को लेकर कई तरह की मान्याताएं हैं। अगर आप गंगा दशहरा पर दान करते हैं और स्नान करते हैं तो पापों से मुक्ति मिलती है।
जानिए गंगा दशहरा का मुहूर्त (Ganga Dussehra 2024 Shubh Muhurat), गंगा दशहरा पर स्नान विधि और गंगा दशहरा की पूजा विधि। साथ ही जानिए कि गंगा दशहरा पर क्या दान करना चाहिए। इन बातों को आप नीचे पढ़ सकते हैं-
गंगा दशहरा 2024 का शुभ मुहूर्त (Ganga Dussehra Shubh Muhurat)
इस साल गंगा दशहरा 16 जून 2024 को है। इस दिन दशमी तिथि सुबह 2:32 पर शुरू होकर 17 जून को सुबह 4:30 तक रहेगी। गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र सुबह 11:13 तक रहेगा।
1. श्री रामचरितमानस के अयोध्या कांड में गोस्वामी तुलसीदास जी ने जीवन दायिनी मां गंगा का मनुहारी वर्णन करते हुए कहा है कि गंग सकल मुद मंगल मूला, सब सुख करनी हरनि सब सूला। अर्थात गंगा जी समस्त आनंद मंगलो के मूल है। वे सब सुखों को करने वाली और सब पीड़ाओं को हरने वाली है।
Tulsi Puja : तुलसी के पौधे में दूध डालना शुभ है या अशुभ
2. पुराणों में कहा गया है, कि राजा भागीरथ वर्षों की तपस्या के उपरांत ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा को पृथ्वी पर लाने में सफल हुए। भारतीय शास्त्र पुराण एवं उपनिषद् इत्यादि सभी ग्रथों में गंगा की महिमा और महत्ता का बखान किया गया है।
3. गंगा भारतीय संस्कृति की प्रतीक एवं हजारों साल की आस्था की पूंजी है। शास्त्रों में कहा गया है, कि गंगा का पानी अमृत व मोक्षदायिनी है।
4. गंगा दशहरा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जो गंगा नदी की पूजा के लिए समर्पित है। यह त्योहार हिंदू माह ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर गंगा की आकाश से पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति की जाती है।
5. भक्त नदी के किनारे एकत्रित होते हैं, पवित्र नदी में स्नान करते हैं, अपने रीति रिवाज पूरे करते हैं। और माता गंगा से आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। माना जाता है, कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है, और इच्छाओं के पूर्ति होती है।
6.यह त्योहार (गंगा दशहरा) गंगा को संरक्षित और सुरक्षित रखने के महत्व को भी दर्शाता है। जो हमारे हिंदू धर्म में अत्यधिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
7. सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी के कमंडल से राजा भगीरथ द्वारा देवी गंगा को धरती पर अवतार दिवस को ही गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी पर अवतार से पहले गंगा नदी स्वर्ग का हिस्सा हुआ करती थी।
8. गंगा दशहरा के दिन भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं, और गंगा में डुबकी लगाते हैं, दान-पुण्य, उपवास, भजन और गंगा आरती का आयोजन करते हैं।