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Teej Festival Traditions: हरियाली तीज से पहले क्यों खास होता है सिंजारा पर्व? जानिए पूरी परंपरा

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Teej Festival: सिंजारा पर्व भारतीय संस्कृति में खास महत्व रखता है। इस दिन बहू-बेटियों को मायके से श्रृंगार और मिठाइयों से भरा उपहार भेजा जाता है। घरों में उल्लास और प्रेम का माहौल रहता है।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
2 Min Read

Teej Festival Traditions: हरियाली तीज से एक दिन पूर्व मनाया जाने वाला सिंजारा पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। इसे सिंधारा दूज भी कहा जाता है, जिसमें बहू-बेटियों को मायके से श्रृंगार और मिठाइयों से सजा हुआ स्नेह-पात्र भेजा जाता है। इस दिन घरों में उल्लास और प्रेम का वातावरण होता है, और महिलाएं इसे पारंपरिक तरीके से उत्साहपूर्वक मनाती हैं।

कब मनाया जाएगा सिंजारा 2025 में?

वर्ष 2025 में सिंजारा का पर्व 26 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि रात 10:41 बजे तक रहेगी। इसके ठीक अगले दिन, यानी 27 जुलाई को हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा।

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क्या होता है सिंजारे में?

सिंजारा के दौरान बहनों, बेटियों और बहुओं को मायके से विशेष उपहार भेजे जाते हैं। इन उपहारों में पारंपरिक वस्त्र, हरी चूड़ियां, सोने या कृत्रिम आभूषण, मांग टीका, बिंदी, काजल, सिंदूर, गजरा, मेहंदी, अंगूठी, नथ, पायल, बिछिया, झुमके, कमरबंद, कंघा और श्रृंगार के अन्य सामान शामिल होते हैं। साथ ही स्वादिष्ट मिठाइयां जैसे घेवर, रसगुल्ला, मावे की बर्फी भी इसमें रखी जाती हैं।

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कैसे मनाते हैं सिंजारा?

इस खास दिन पर घर की महिलाएं और कन्याएं नए कपड़े पहनकर सजती-संवरती हैं। सिंजारे में मिली मेहंदी को हाथों में रचाया जाता है, जो सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। परंपरा के अनुसार, 9 प्रकार के पकवान और मिष्ठान्न बहू-बेटियों को खिलाए जाते हैं।

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कई क्षेत्रों में महिलाएं एक-दूसरे को सिंधारे में प्राप्त वस्तुएं भेंट स्वरूप भी देती हैं। घरों में झूले सजाए जाते हैं और पारंपरिक लोकगीतों के साथ उत्सव का आनंद लिया जाता है। शाम के समय देवी पार्वती की पूजा की जाती है और फिर सिंधारा की मिठाइयां और उपहार सास को भेंट किए जाते हैं।

यह पर्व ना केवल सौंदर्य और श्रृंगार का उत्सव है, बल्कि परिवारों के बीच प्रेम, अपनापन और रिश्तों की मिठास को भी गहराता है।

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Bharti Sharma
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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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  • मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं । जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
    कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
    रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)

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