आज के चकाचौंध वाले समय में ज्यादातर लोग बाहरी बातों में खुशी ढूंढते ढूंढते अपने वास्तविक आनंद को नजरअंदाज कर रहे हैं, यह जाने बगैर कि वह भौतिक खुशी कुछ पल की है I वास्तव में सदा आनंद में रहने के लिए मन, आत्मा और शरीर के बीच सामंजस्य और संतुलन जरूरी है I यहां हम प्रैक्टिकल तरीके से अपने आत्म कल्याण के बारे में जानेंगे और कैसे हम अपने इनर सेल्फ के साथ गहरा संबंध स्थापित कर सकते हैं इसके बारे में समझेंगे I
प्रकृति से प्यार करें
प्रकृति के साथ समय बिताने से हमारी आत्मा का पोषण होता है और हमें अपने सेल्फ से कनेक्ट होने में मदद मिलती है I इसके लिए हमें सुबह शाम सैर पर अवश्य जाना चाहिए I प्रकृति की स्फूर्ति दायक ऊर्जा हमारे मन को शांत करती है I यह हमारा खुद के साथ बिताया हुआ वक्त होता है I
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कृतज्ञता की भावना रखें
कृतज्ञता की भावना में रहने से आपका जीवन खुशनुमा बनता है और आपका ध्यान किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से हट जाता है I हर बात में एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आप जीवन में आगे बढ़ते है I इससे आपकी आत्मा के भीतर संतुष्टि पैदा होती है और आप तृप्ति का गुण धारण करते हैं l
अपने वर्तमान में जिए
अपने वर्तमान पल में जीने से आप अपने आप को रोजमर्रा के स्ट्रेस और टेंशन से मुक्त कर सकते हैं I ऐसा करने से आप शांति और संतुष्टि का अनुभव करते हैं और आपकी आत्मिक शक्ति बढ़ती है I अपने वर्तमान पल में जीने का मतलब होता है , जो गुजर गया उसका शोक न करें और भविष्य की चिंता न करें I
खुद को प्यार करें
जब आप खुद तृप्त और खुश होते हो तभी आप दूसरों को खुशी दे पाते हो I लोग अपना आधा जीवन दुनिया की तरह बनने की कोशिश में बिता देते हैं I वह व्यक्ति बनने का भी प्रयास न करें जैसे दुनिया आपको बनने के लिए कहती है I अपनी प्रतिभाओं के बारे में जाने और वह करें जिससे आपको खुशी मिलती है l