Hanuman Chalisa हिंदू धर्म का एक पवित्र भजन है जो भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करता है। यह गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित है और इसमें 40 चौपाइयां (चालीसा) हैं। Hanuman Jayanti के पावन अवसर पर Hanuman Chalisa का पाठ करने का विशेष महत्व है।
हनुमान चालीसा का महत्व (Importance of Hanuman Chalisa)
- Hanuman Chalisa पढ़ने से भक्तों को भय, बाधाएँ और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
- इसके नियमित पाठ से मन को शांति और आत्मविश्वास मिलता है।
- Hanuman Janmotsav या Hanuman Jayanti पर इसका पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
हनुमान चालीसा पढ़ने के लाभ (Benefits of Reciting Hanuman Chalisa)
- सुरक्षा और शक्ति (Protection and Strength) – Hanuman Ji की कृपा से भक्तों को शारीरिक और मानसिक बल मिलता है।
- रोगों से मुक्ति (Freedom from Diseases) – नियमित पाठ से स्वास्थ्य लाभ होता है।
- कष्टों का निवारण (Removal of Troubles) – संकटों से मुक्ति के लिए Hanuman Chalisa का पाठ अचूक उपाय है।
- आत्मिक शांति (Spiritual Peace) – मन की अशांति दूर होती है और ध्यान केंद्रित होता है।
हनुमान जयंती 2025 (Hanuman Jayanti 2025)
Hanuman Jayanti 2025 पर विशेष रूप से Hanuman Chalisa का पाठ करें और Hanuman Ji Ke Bhajan सुनें। इस दिन Hanuman Janmotsav को धूमधाम से मनाया जाता है। आप Hanuman Jayanti Wishes, Hanuman Jayanti Quotes और Hanuman Jayanti Images शेयर करके अपने प्रियजनों को आशीर्वाद दें।
हनुमान चालीसा पाठ की विधि (How to Recite Hanuman Chalisa)
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- Hanuman Ji की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएँ।
- Hanuman Chalisa का पाठ पूरी श्रद्धा से करें।
- अंत में Hanuman Ji की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएँ।
हनुमान जी के प्रसिद्ध भजन (Popular Hanuman Ji Ke Bhajan)
- बजरंग बाण
- संकट मोचन हनुमान अष्टक
- हनुमान बाहुक
हनुमान चालीसा: पूर्ण पाठ, अर्थ और महिमा
Hanuman Chalisa भगवान हनुमान की भक्ति का एक अद्भुत स्तोत्र है, जिसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की। इसमें 40 चौपाइयां (चालीसा) हैं, जो हनुमान जी की महिमा, शक्ति और भक्ति का वर्णन करती हैं। Hanuman Jayanti के पावन अवसर पर Hanuman Chalisa का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
हनुमान चालीसा: पूर्ण पाठ (Hanuman Chalisa Full Text)
॥ श्री हनुमान चालीसा ॥
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार॥
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥
शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन॥
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे॥
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गए अचरज नाहीं॥
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक ते काँपै॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है प्रसिद्ध जगत उजियारा॥
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥
अंतकाल रघुबरपुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
हनुमान चालीसा के चुनिंदा चौपाइयों का अर्थ (Meaning of Key Verses)
1. जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
अर्थ: हे हनुमान जी! आप ज्ञान और गुणों के सागर हैं, आपकी जय हो। आप तीनों लोकों में प्रसिद्ध हैं।
2. रामदूत अतुलित बल धामा
अर्थ: आप श्रीराम के दूत हैं, अतुलित बल के स्वामी हैं और आपको “अंजनी पुत्र” और “पवनपुत्र” के नाम से जाना जाता है।
3. हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
अर्थ: आपके हाथ में वज्र (गदा) और ध्वजा शोभायमान है, तथा आपने मूंज की जनेऊ धारण की है।
4. विद्यावान गुनी अति चातुर
अर्थ: आप विद्वान, गुणवान और अत्यंत चतुर हैं तथा श्रीराम के कार्यों को करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
5. जय जय जय हनुमान गोसाईं
अर्थ: हे हनुमान जी! आपकी तीनों लोकों में जय हो। आपकी कृपा से भक्तों के सभी दुःख दूर हो जाते हैं।
हनुमान चालीसा पाठ के लाभ (Benefits of Hanuman Chalisa)
- भय और बाधाओं से मुक्ति – नियमित पाठ से शत्रु भय दूर होता है।
- मानसिक शांति – चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है।
- सफलता में वृद्धि – विद्यार्थियों को बुद्धि और स्मरण शक्ति प्राप्त होती है।
- रोगों से छुटकारा – स्वास्थ्य लाभ के लिए Hanuman Chalisa का पाठ अचूक है।
हनुमान जयंती 2025 पर विशेष (Hanuman Jayanti 2025 Special)
Hanuman Jayanti 2025 के अवसर पर:
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हनुमान चालीसा के प्रेरणादायक कोट्स (Hanuman Chalisa Quotes in Hindi)
Hanuman Chalisa न केवल एक धार्मिक स्तोत्र है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत भी है। यहां हनुमान चालीसा के कुछ प्रसिद्ध कोट्स (Hanuman Chalisa Quotes) दिए गए हैं, जो आपको शक्ति और आत्मविश्वास देंगे।
1. शक्ति और साहस के लिए हनुमान चालीसा कोट्स
- “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर।”
→ हनुमान जी ज्ञान और गुणों के भंडार हैं, उनकी महिमा तीनों लोकों में फैली हुई है। - “बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।”
→ अगर आप स्वयं को अशक्त समझते हैं, तो हनुमान जी को याद करें, वे आपको शक्ति देंगे। - “भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र के काज संवारे।”
→ हनुमान जी ने भीम रूप धारण कर राक्षसों का विनाश किया और श्रीराम के कार्य सिद्ध किए।
2. भक्ति और आस्था के लिए हनुमान चालीसा कोट्स
- “राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे।”
→ हनुमान जी श्रीराम के द्वार के रक्षक हैं, उनकी आज्ञा के बिना कोई भी प्रवेश नहीं पा सकता। - “संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।”
→ हनुमान जी का स्मरण करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और दुखों का नाश होता है। - “सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।”
→ जो भक्त हनुमान जी की शरण में जाता है, उसे सभी सुख प्राप्त होते हैं और उसे किसी से डर नहीं लगता।
3. सफलता और विजय के लिए हनुमान चालीसा कोट्स
- “विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर।”
→ हनुमान जी विद्वान, गुणवान और चतुर हैं, वे श्रीराम के कार्यों को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। - “जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा।”
→ जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करता है, उसे सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं और भगवान शिव भी उसके साक्षी बनते हैं। - “तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेश्वर भये सब जग जाना।”
→ हनुमान जी के मंत्र (राम नाम) को विभीषण ने स्वीकार किया, जिससे वह लंका का राजा बना।
4. हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर विशेष कोट्स
- हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पाठ करें और जीवन में सफलता पाएं।
- Hanuman Chalisa का पाठ करें।
- Hanuman Ji Ke Bhajan सुनें और Hanuman Janmotsav को धूमधाम से मनाएं।
हनुमान चालीसा से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs in Hindi)
1. हनुमान चालीसा क्या है?
हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित एक भक्ति स्तोत्र है, जिसमें भगवान हनुमान की महिमा का 40 चौपाइयों (चालीसा) में वर्णन किया गया है। यह श्रीराम के भक्त हनुमान जी की शक्ति और कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम माध्यम है।
2. हनुमान चालीसा पढ़ने का सबसे अच्छा समय क्या है?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4-6 बजे) – सात्विक ऊर्जा के लिए उत्तम
मंगलवार और शनिवार – हनुमान जी के विशेष दिन
संकट काल में – किसी भी समय पाठ कर सकते हैं3. हनुमान चालीसा पढ़ने के क्या फायदे हैं?
मन की शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है
नकारात्मक ऊर्जा और भय दूर होता है
रोगों से मुक्ति और सफलता मिलती है
शत्रु भय और ग्रह दोष शांत होते हैं4. क्या हनुमान चालीसा रोज पढ़ सकते हैं?
हाँ, नियमित पाठ से अधिक लाभ मिलता है। विशेषकर मंगलवार और शनिवार को पढ़ने से हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
5. हनुमान चालीसा कितनी बार पढ़नी चाहिए?
1 बार – नियमित लाभ के लिए
11 बार – विशेष मनोकामना पूर्ति हेतु
108 बार – बड़े संकटों से मुक्ति के लिए6. क्या महिलाएं हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं?
हाँ, हनुमान चालीसा सभी जाति, लिंग और आयु के लोग पढ़ सकते हैं। कोई प्रतिबंध नहीं है।
7. हनुमान चालीसा पढ़ते समय किन बातों का ध्यान रखें?
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें
हनुमान जी की मूर्ति/चित्र के सामने दीपक जलाएँ
पूर्ण एकाग्रता से पाठ करें
अंत में “सीता राम” या “जय श्री राम” बोलें8. हनुमान जयंती कब मनाई जाती है?
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है।
9. हनुमान चालीसा और सुंदरकांड में क्या अंतर है?
हनुमान चालीसा – 40 छंदों में हनुमान जी की स्तुति
सुंदरकांड – रामचरितमानस का एक अध्याय, जिसमें हनुमान जी की लंका यात्रा का वर्णन है10. हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले कौन-सा मंत्र बोलें?
“ॐ श्री हनुमते नमः” या “बजरंगबली की जय” बोलकर पाठ शुरू करें।