Rajasthan Smart Meter News: राजस्थान में बिजली उपभोग का तरीका अब पूरी तरह बदलने जा रहा है। राज्य सरकार ने स्मार्ट मीटर सिस्टम की शुरुआत कर दी है, जो बिल्कुल मोबाइल फोन की तरह काम करेगा। यानी जितना रिचार्ज, उतनी बिजली। अब उपभोक्ता अपने मोबाइल ऐप या पोर्टल से रियल टाइम में जान सकेंगे कि कितनी यूनिट खर्च हुई और कितना बैलेंस बचा है।
इस योजना की शुरुआत जयपुर में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के सरकारी आवास पर खुद स्मार्ट मीटर लगाकर की गई। मंत्री ने कहा कि यह सिस्टम उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक और पारदर्शी होगा। अब महीने का भारी-भरकम बिल नहीं आएगा, बल्कि यूजर रोज की जरूरत के हिसाब से बिजली का रिचार्ज कर सकेगा। खासकर दिहाड़ी मजदूर और रोज कमाने-खाने वाले लोगों को इससे राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें एकमुश्त बिल देने की परेशानी नहीं होगी।
स्मार्ट मीटर तकनीक मोबाइल ऐप से जुड़ी होगी, जिससे हर घंटे की खपत दिखाई देगी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस मीटर को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि इससे बिल ज्यादा आएगा, लेकिन सच्चाई यह है कि यह बिलिंग को पारदर्शी बनाएगा और मनमानी का खतरा खत्म होगा।
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सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा और यह पूरी तरह निशुल्क होगा। यदि रिचार्ज खत्म हो गया तो उपभोक्ता जैसे ही नया टॉपअप करेगा, 30 मिनट के अंदर बिजली फिर से चालू हो जाएगी। न तो कनेक्शन जोड़ने का चार्ज लगेगा और न ही कोई पेनल्टी।
मंत्री ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं को तकनीकी जानकारी की कमी है, वे भी अब स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। गांव की महिलाएं तक मोबाइल ऐप से रिचार्ज करना सीख रही हैं। इसलिए स्मार्ट मीटर की पहुंच सब तक सुनिश्चित की जा सकती है।
इस योजना के पहले चरण में जयपुर के सांगानेर, आमेर, झोटवाड़ा और टोंक संभाग के साथ-साथ भरतपुर व कोटा के 22 डिवीजन में मीटर लगाए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक पूरे राजस्थान में सभी पुराने मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएं।
विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए मंत्री ने कहा कि यह योजना पूर्ववर्ती सरकार में भी शुरू की गई थी, जिसे अब और मजबूती से लागू किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य केवल यह है कि उपभोक्ताओं को बिजली से जुड़ी परेशानियों से मुक्ति मिले और पारदर्शिता के साथ उपभोग को नियंत्रित किया जा सके।