Rajasthan School New Guidelines: अब राजस्थान में निजी स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। प्रदेश के लाखों अभिभावकों को राहत देते हुए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने निजी विद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अब निजी स्कूल केवल बोर्ड द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम की ही पुस्तकें इस्तेमाल कर सकेंगे। विद्यालयों को सत्र शुरू होने से कम से कम एक माह पहले पुस्तक सूची—जिसमें लेखक, प्रकाशक और मूल्य की जानकारी शामिल होगी—अपनी वेबसाइट या नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक करनी होगी। साथ ही यह भी अनिवार्य किया गया है कि अभिभावकों और विद्यार्थियों को पुस्तकें खुले बाजार से खरीदने की पूर्ण स्वतंत्रता होगी, किसी विशेष स्थान से खरीदने का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा।
पांच साल तक नहीं बदलेगी स्कूलों की ड्रेस
इसी प्रकार यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक सामग्री जैसे टाई, जूते, कॉपियां आदि के मामले में भी अभिभावकों को पूरी छूट दी गई है कि वे बाजार से अपनी सुविधा अनुसार सामान खरीद सकें। कोई भी स्कूल अपने यूनिफॉर्म में बदलाव करने से पहले कम से कम पांच वर्षों तक उसे अपरिवर्तित रखेगा, जिससे बार-बार बदलाव की परेशानी और खर्च से अभिभावक बच सकें।
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Rajasthan board :- निजी विद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश !! @Rajasthanboard pic.twitter.com/vvVoo5JCZD
— Board of Secondary Education Rajasthan Ajmer (@Rajasthanboard) April 14, 2025
स्कूल किसी भी सामग्री पर अपना नाम अंकित नहीं करेंगे
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि स्कूल किसी भी शिक्षण सामग्री या यूनिफॉर्म पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं करेंगे और न ही किसी एक दुकान से खरीदारी करने का दबाव बना सकेंगे। यदि कोई विद्यालय ऐसा करता है तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कम से कम तीन अलग-अलग विक्रेताओं के पास पुस्तकों और यूनिफॉर्म की उपलब्धता हो, जिससे अभिभावकों को पर्याप्त विकल्प मिल सकें।
इन दिशा-निर्देशों से उम्मीद की जा रही है कि निजी स्कूलों की ओर से की जाने वाली अनावश्यक शुल्क वसूली, सामग्री बेचने का दबाव और एकाधिकार की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इन नियमों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराएं।