Rajasthan Politics: राजस्थान में आगामी पंचायत और निकाय चुनावों से पहले कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। नए बने 10 जिलों में जल्द ही जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस ने निचले स्तर पर संगठन के पदों को भरने का कार्य लगभग पूरा कर लिया है, लेकिन अब नए और कुछ पुराने जिलों में बदलाव की तैयारी है।
नए जिलों में नेतृत्व परिवर्तन
प्रदेश कांग्रेस कमेटी इस माह के अंत तक एआइसीसी द्वारा भेजे गए नामों पर निर्णय ले सकती है। बताया जा रहा है कि नए जिलों सहित कुल 15 जिलों में नए लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ जिलाध्यक्षों के नामों पर चर्चा की है। हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की व्यस्तता के चलते अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है।
संगठनात्मक विस्तार
राज्य सरकार ने 10 नए जिलों की घोषणा की है, जिसके बाद कांग्रेस ने भी अपने संगठनात्मक जिलों की संख्या 40 से बढ़ाकर 50 कर दी है। नए जिलों जैसे जयपुर ग्रामीण पश्चिम, डीग, बालोतरा, नीमकाथाना, ब्यावर, सलूंबर, भीलवाड़ा ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण पश्चिम में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। जयपुर ग्रामीण से जयपुर ग्रामीण पश्चिम को अलग किया गया है, जिसमें कोटपूतली-बहरोड़ शामिल होंगे। भरतपुर से डीग, बाड़मेर से बालोतरा, सीकर से नीमकाथाना, अजमेर से ब्यावर, उदयपुर से सलूंबर, और भीलवाड़ा जिले से भीलवाड़ा ग्रामीण के साथ-साथ जोधपुर ग्रामीण से जोधपुर ग्रामीण पश्चिम को भी अलग जिले के रूप में स्थापित किया गया है।
इस विस्तार का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत करना और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करना है। संगठनात्मक बदलावों से कांग्रेस की रणनीति में नया जोश और दृढ़ता आएगी। कांग्रेस का यह कदम राज्य में राजनीतिक समीकरणों को नया आयाम दे सकता है।