Annapurna Rasoi Yojana 2024: ‘कोई भूखा ना सोए’ इस संकल्प के साथ 20 अगस्त 2020 को राजस्थान सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojana)का शुभारंभ किया गया। 213 नगरीय स्थानीय निकायों में शुरू की गई यह योजना, जिसमें ₹ 8 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जाता था। प्रारंभ में तो यह केवल नगरीय निकायों के लिए था, लेकिन 10 सितंबर 2023 से ग्रामीण निकायों में भी प्रारंभ किया गया।
समय-समय पर इस योजना में काफी परिवर्तन आया जैसे कि इंदिरा रसोइयों की संख्या में वृद्धि की गई, इसके बजट को बढ़ाया गया। परिणामस्वरुप इंदिरा रसोई योजना सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है।
हाल ही में भजनलाल सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना का नाम परिवर्तित कर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया गया है। स्वायत शासन विभाग के सचिव हृदयेश कुमार शर्मा ने इस योजना से संबंधित कुछ दिशा निर्देश भी साझा किए। आइये जानते हैं श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना की खास बातें।
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इंदिरा रसोई योजना में किए गए महत्वपूर्ण बदलाव
20 अगस्त 2020 से शुरू की गई इस योजना में 450 ग्राम की पौष्टिक भोजन की थाली ₹8 में दी जाती थी, परंतु अब श्री अन्नपूर्णा योजना के तहत पौष्टिक थाली का वजन 600 ग्राम कर दिया गया है। सरकार के लिए अब एक थाली की लागत ₹30 हो गई है जिसमें से ₹22 सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा अर्थात जरूरतमंदों को सुबह-शाम के खाने के लिए प्रति थाली आठ रूपए ही देय होगा।
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत थाली का मेन्यू (Annapurna Rasoi Yojana Food Menu)
योजना के नाम परिवर्तन के साथ-साथ भजनलाल सरकार ने मात्रात्मक व गुणात्मक सुधार भी किए हैं। 600 ग्राम की पौष्टिक थाली में चपाती, दाल, सब्जी, चावल, मोटे अनाज को बढ़ावा देते हुए मिलेट्स व खिचड़ी को भी शामिल किया है। इस खाने में पौष्टिकता की जांच के लिए समय-समय पर क्वालिटी मॉनिटरिंग भी की जाती है।
यह रसोईयां शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर किसी सार्वजनिक स्थान जैसे- अस्पताल, पार्क, धार्मिक स्थान व संस्थान के आसपास व कच्ची बस्ती के आसपास स्थापित की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक संख्या में जरूरतमंद तक पहुंच उत्पन्न हो सके।