Khatu Shyam Ji Mela 2024: खाटूश्यामजी में बाबा श्याम का फाल्गुनी लक्खी मेला 2024 (Baba shyam mela 2024) भरने जा रहा है। शीश के दानी, हारे का सहारा बाबा श्याम (Hare ka sahara baba shyam hamara) के फाल्गुनी मेले को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम दौर पर है। हर वर्ष भरने वाले खाटूश्यामजी मेले (Khatu Shyam Ji Mela 2024 kab hai) में लाखों की संख्या में भक्त बाबा श्याम के दरबार में मत्था टेकने आते हैं।
इस बार खाटूश्यामजी मेले को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। ऐसे में बाबा श्याम के दर्शन भक्तों को आसानी से हो सके, इसके लिए प्रशासन ने कई चीजों पर रोक भी लगा दी है। अगर आप भी बाबा श्याम के दर्शन करने आ रहे हैं तो इन नियमों को जानना जरूरी है, ताकि आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।
खाटू श्याम फाल्गुन मेला 2024 कब है? (Khatu Shyam Ji Mela 2024 Date)
राजस्थान के सीकर जिले में बाबा श्याम का मेला (खाटूश्यामजी) लक्खी मेला 11 मार्च 2024 से शुरू होकर 21 मार्च तक चलने वाला है। हर वर्ष बाबा श्याम के मेले में दूर दराज से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। लगातार बढ़ती भक्तों की संख्या को देखते हुए इस बार के खाटू मेले को लेकर श्री श्याम मंदिर कमेटी व सीकर जिला प्रशासन ने कई व्यवस्थाओं में बदलाव किया है।
खाटूश्यामजी मेला 2024 में क्या कुछ रहेगा खास?
-सीकर शहर से खाटू तक जाने वाली सड़कों की मरम्मत की गई।
-रोडवेज का किराये पर 50% छूट दी जायेगी।
-MRP ज्यादा मूल्य वसूल करने वालों पर कार्रवाई होगी।
-मेले में पार्किंग की व्यवस्था निशुल्क रहेगी।
-मेला परिसर में स्वास्थ विभाग द्वारा 10 बूथ बनाये जायेंगे, जिसमें 70 डॉक्टर्स एवं 250 नर्सिंगकर्मियो की नियुक्ति की जाएगी।
-खाटू मेले मे 8 फीट से ऊंचा निशान ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
-साथ ही डीजे बजाने की अनुमति भी नहीं है।
मुख्य शहरों से खाटूश्याम जी मंदिर की दूरी कितनी है?
खाटूश्याम मंदिर के लिये सबसे सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस है, जो खाटू मंदिर से 18 किमी दूर स्थित है। वहीं, खाटूश्याम मंदिर सीकर से 43 किमी दूरी पर स्थित है। जयपुर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 80 किमी दूर है।
ट्रेन से कैसे पहुंचे खाटूश्यामजी? (How to reach Khatushyam ji by Train)
अगर आप दिल्ली से खाटूश्यामी ट्रेन के जरिये आना चाहते हैं, तो गाड़ी संख्या 19702, सैनिक एक्सप्रेस ट्रेन (Sainik Express Train, Khatushyam), दिल्ली कैंट से रोजाना रात्रि 12.07 बजे रवाना होती है, जो आपको सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर रींगस स्टेशन पर छोड़ देगी। यहां आपको खाटूश्यामजी जाने वाली बस या ऑटो हर समय उपलब्ध मिलेंगे।
खाटूश्यामजी, बाबा श्याम का इतिहास (Baba Khatushyam ji History)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, घटोत्कच पांडवों में से एक पराक्रमी भीम के बेटे थे। उनका असली नाम बर्बरीक था। फाल्गुन मास की द्वादशी तिथि को ही भगवान श्रीकृष्ण के मांगने पर बर्बरीक ने अपना शीश काटकर उनके चरणों में रख दिया था। महाभारत के युद्ध के दौरान बर्बरीक ने यह फैसला किया था कि वह कमजोर पक्ष की तरफ से युद्ध करेंगे। उनके इस फैसले के बारे में जब भगवान श्रीकृष्ण को पता चला, तो उन्होंने सोचा कि अगर बर्बरीक ने कौरवों का साथ दिया, तो पांडवों की हार हो जाएगी। ऐसे में उन्होंने ब्रह्माण का रूप धारण कर बर्बरीक से उनका सिर दान में मांग लिया। लेकिन इस शाप के भगवान श्रीकृष्ण ने वरदान में बदल दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया कि वह कलियुग में हारे हुए का सहारा बनेंगे और उनके ही नाम श्याम नाम से पूजित होंगे। खाटूश्यामजी मेले में श्याम बाबा को गुलाल भी भेंट किया जाता है, क्योंकि यह मेला फाल्गुन मास में होली के करीब लगता है।