Sapna Meena Railway News: गजब हो गया! ये सरकारी नौकरी की चाह न जाने कितने ही रिश्तों पर भारी पड़ेगी! यहां पति कर्जा लेकर पत्नी को पढ़ाता है, इस उम्मीद में कि वह नौकरी लग जाए। पर नौकरी लगते ही पति को ही छोड़ जाए, यह भी हो सकता है? क्या बात कर रहे हो… राजस्थान के कोटा में ऐसा ही मामला सामने आया है कि एक बार फिर ”लड़की, नौकरी और धोखा देना” पर बहस छिड़ गई है। आइये जानते हैं पूरा माजरा क्या है।
कोटा में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पति की शिकायत के बाद उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया। पति ने आरोप लगाया है कि पत्नी ने डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देकर रेलवे में नौकरी पाई थी। इस मामले में पति मनीष मीणा का कहना है कि उसने अपनी पत्नी सपना मीणा को नौकरी दिलवाने के लिए 15 लाख रुपए का कर्जा लिया था, लेकिन नौकरी मिलते ही पत्नी ने उसे छोड़ दिया और फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त की।
यह मामला सवाईमाधोपुर जिले से जुड़ा हुआ है। मनीष मीणा के मुताबिक, 2019 में रेलवे भर्ती बोर्ड अजमेर से ग्रुप-डी की भर्ती निकली थी, जिसमें उनकी पत्नी ने ऑनलाइन आवेदन किया था। आवेदन के दौरान पत्नी ने फोटो, साइन और फिंगरप्रिंट मिक्स कर दिए थे। बाद में परीक्षा में सपना मीणा ने अपने रिश्तेदार, जो रेलवे कर्मचारी था, से मिलीभगत की और 15 लाख रुपए में एक दूसरी लड़की को डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा, वेरिफिकेशन और मेडिकल जांच करवाकर नौकरी हासिल की।
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सपना मीणा को नौकरी मिलने के बाद, वह 25 अप्रैल 2023 को सिरसा (हरियाणा) में ट्रेनिंग के लिए गई थी। ट्रेनिंग के बाद, उसे बीकानेर में जॉइनिंग दी गई और फिर 2024 में कोटा डिवीजन में म्यूचुअल ट्रांसफर करवा लिया गया। अब वह कोटा डीआरएम ऑफिस में कार्यरत है। मनीष ने आरोप लगाया कि उसने पत्नी को नौकरी दिलवाने के लिए खेती की जमीन पर 15 लाख रुपए का कर्ज लिया था, लेकिन नौकरी मिलने के बाद पत्नी ने उसे छोड़ दिया।
मनीष की शिकायत पर रेलवे विभाग ने जांच शुरू की और पत्नी को निलंबित कर दिया, लेकिन बर्खास्त नहीं किया। मनीष का कहना है कि इस मामले में रेलवे के कई अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने पैसे का लेन-देन किया था। मनीष ने इसकी शिकायत डीआरएम कोटा, भीमगंजमंडी थाना, पश्चिम मध्य रेलवे महाप्रबंधक और विजिलेंस से की थी।
इस मामले पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने कहा कि सपना मीणा का पारिवारिक मामला चल रहा है और इसकी जांच की जा रही है। वेरिफाई इंस्पेक्टर राघवेंद्र ने भी बताया कि शिकायत मिलने के बाद जॉइंट कमेटी ने जांच की थी, जिसमें एक आरपीएफ इंस्पेक्टर, एक मैं और एक डिपार्टमेंटल इंस्पेक्टर शामिल थे। रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दे दी गई है, लेकिन सपना मीणा का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल बंद मिला।
यह मामला सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के एक नए पहलू को उजागर करता है, जो अब रेलवे प्रशासन की जांच का विषय बन चुका है।