Ad image
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

Diwali 2024 की रात काली चौदस: जानिये इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ क्यों होती हैं मां काली की पूजा, जानें महत्व

Diwali 2024: काली चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली के दौरान आने वाले पांच दिवसीय त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन का संबंध न केवल नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने से है, बल्कि अष्टसिद्धि की प्राप्ति के लिए भी इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
4 Min Read

Diwali 2024: काली चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली के दौरान आने वाले पांच दिवसीय त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन का संबंध न केवल नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने से है, बल्कि अष्टसिद्धि की प्राप्ति के लिए भी इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। तंत्र, साधना और सिद्धियों की दृष्टि से काली चौदस को खास महत्व दिया जाता है।

Advertisement

काली चौदस का पौराणिक महत्व

काली चौदस का पौराणिक दृष्टिकोण भगवान कृष्ण और नरकासुर के बीच हुए युद्ध से जुड़ा है। इस दिन भगवान कृष्ण ने असुर नरकासुर का वध कर संसार को उसके आतंक से मुक्त किया था। इसी कारण इस दिन को “नरक चतुर्दशी” कहा जाता है। यह दिन बुराई के नाश और आत्मशुद्धि का प्रतीक है।

Diwali 2024 Puja Rules: दिवाली पर मां लक्ष्मी जी के साथ ना करें इस देवता की पूजा, माना जाता है अशुभ! जानें ये जरूरी बातें

यह भी जरूर पढ़ें...

Advertisement

काली माँ की आराधना और तंत्र साधना

काली चौदस को देवी काली की विशेष आराधना का दिन माना जाता है। देवी काली का स्वरूप तामसिक शक्तियों के नाशक के रूप में जाना जाता है। तंत्र शास्त्र में काली माँ की साधना को विशेष सिद्धियां प्राप्त करने के लिए किया जाता है। अष्टसिद्धि यानी अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व को प्राप्त करने के लिए काली माँ की आराधना इस दिन विशेष रूप से की जाती है। यह दिन साधकों के लिए तामसिक ऊर्जा का नाश कर आध्यात्मिक बल प्राप्त करने का उत्तम अवसर प्रदान करता है।

अष्टसिद्धि की प्राप्ति का मार्ग

अष्टसिद्धि प्राप्त करने के लिए काली चौदस का दिन बेहद उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि यह दिन तंत्र साधना और ध्यान के लिए अनुकूल है। अष्टसिद्धि प्राप्त करने के लिए साधकों को अपनी साधना में विशेष मंत्र, यंत्र और ध्यान प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।

Advertisement

1. अणिमा – अपने शरीर को सूक्ष्मतम रूप में परिवर्तित करने की शक्ति।
2. महिमा – अपने आकार को विशालतम करने की क्षमता।
3. गरिमा – अपने शरीर को भारवान और स्थूल बनाने की क्षमता।
4. लघिमा – अपने शरीर को हल्का करने की क्षमता।
5. प्राप्ति – किसी भी वस्तु को अपने इच्छानुसार प्राप्त करने की शक्ति।
6. प्राकाम्य – किसी भी इच्छा को पूरा करने की क्षमता।
7. ईशित्व – दूसरों पर शासन करने की शक्ति।
8. वशित्व – किसी को भी अपने वश में करने की क्षमता।

काली चौदस पर क्या करें विशेष साधना?

इस दिन काली माँ की पूजा करने के लिए साधक विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, जिनसे मन और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। रात्रि में की गई साधना से नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्थिरता एवं शांति आती है। इस दिन अष्टसिद्धि प्राप्त करने के लिए ध्यान, योग और तंत्र साधना का विशेष महत्व है।

Advertisement

काली चौदस का दिन न केवल बुरी शक्तियों के नाश का प्रतीक है, बल्कि यह तंत्र और साधना के लिए अति महत्वपूर्ण अवसर भी है। अष्टसिद्धियों की प्राप्ति के लिए काली माँ की पूजा और ध्यान इस दिन विशेष रूप से किया जाता है। जो लोग आध्यात्मिक साधना और सिद्धियों की प्राप्ति के मार्ग पर चलना चाहते हैं, उनके लिए काली चौदस एक अद्वितीय अवसर है।

Want a Website like this?

Designed & Optimized by Naveen Parmuwal
Journalist | SEO | WordPress Expert

Contact Me
TAGGED:
Share This Article
Avatar photo
Sub Editor
Follow:
भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar
News in Image Share Link