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Exclusive Interview: ‘हार्मोन्स ही नहीं, हौसलों की भी डॉक्टर’, जानिये डॉ. मृगनयनी राठौड़ की प्रेरणादायक कहानी

FM SIKAR Exclusive Interview: डॉ. मृगनयनी राठौड़ की प्रेरणादायक जीवन यात्रा - एक छोटे कस्बे की लड़की से एंडोक्राइनोलॉजिस्ट बनने तक का सफर। जानें महिलाओं के हार्मोनल स्वास्थ्य के बारे में विशेष जानकारी और उनके द्वारा सामाजिक बदलाव की अनूठी पहल।

Rupali kumawat
Written by: Rupali kumawat - Sub Editor
6 Min Read

FM SIKAR Exclusive Interview: डॉ. मृगनयनी राठौड़ एक एंडोक्राइनोपैथ हैं, जिन्होंने महिलाओं के हार्मोनल स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राजस्थान के एक छोटे से कस्बे में जन्मीं, उन्होंने रूढ़िवादी सामाजिक मानदंडों को चुनौती दी और एक गैर-पारंपरिक करियर को चुना।

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उनके पिता एक सेना मेजर ने उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें और उनकी बहनों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सीकर जाने का अवसर मिला। 89.6 एफएम सीकर की आरजे रुपाली कुमावत ने डॉ. राठौड़ से विशेष बातचीत की।

01. एंडोक्राइनोलॉजी जैसे गैर-पारंपरिक करियर को चुनने की प्रेरणा कैसे मिली?

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    डॉ. राठौड़: मेरा जन्म राजस्थान के छोटे से कस्बे डीडवाना में हुआ, जहां लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता था। मेरे पिता, एक सेना मेजर ने इन रूढ़ियों को तोड़ते हुए अपनी चारों बेटियों को शिक्षा के लिए सीकर भेजा। उनका मानना था, “अगर तुम समाज की सीमाओं से आगे नहीं बढ़ोगी, तो रसोई तक ही सीमित रह जाओगी।” यही सोच मुझे एंडोक्राइनोलॉजी की ओर ले गई – एक ऐसा क्षेत्र जहां मैं महिलाओं के हार्मोनल स्वास्थ्य में वास्तविक बदलाव ला सकती थी। परिवार के इस प्रगतिशील नजरिए ने मुझे इस असामान्य राह पर चलने का साहस दिया, साबित किया कि सही समर्थन से महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।

    02. शिक्षा और करियर के दौरान किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

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      डॉ. राठौड़: मैं भाग्यशाली रही कि मुझे परिवार का पूरा सहयोग मिला – मेरे माता-पिता ने मुझे कभी लड़की होने के कारण अलग नहीं समझा। हालाँकि, शादी के बाद नए परिवार में समायोजित होना एक चुनौती थी। सौभाग्य से, मेरे ससुराल वालों ने भी मेरा पूरा साथ दिया। आर्थिक अभाव या सामाजिक दबाव से जूझने वाली अधिकांश महिलाओं के विपरीत, मुझे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और राइफल शूटिंग जैसी गतिविधियों का अवसर मिला। असली परीक्षा एक कामकाजी महिला के रूप में सामाजिक अपेक्षाओं को संतुलित करने की थी, लेकिन परिवार के प्रोत्साहन ने इन चुनौतियों को विकास के अवसरों में बदल दिया। मेरा सफर साबित करता है कि एक मजबूत सहायता प्रणाली चुनौतियों को अवसरों में बदल सकती है।

      03. महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कौन से हार्मोन महत्वपूर्ण हैं और उन्हें कैसे संतुलित रखें?

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        डॉ. राठौड़: एस्ट्रोजन (प्रजनन क्षमता और त्वचा स्वास्थ्य के लिए), प्रोजेस्टेरोन (मासिक धर्म नियमितता के लिए) और कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) सबसे महत्वपूर्ण हैं। इन्हें संतुलित रखने के लिए:

        7-8 घंटे सोएं (हार्मोन नींद के दौरान संश्लेषित होते हैं)

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        प्रोसेस्ड फूड से बचें – साबुत अनाज, हरी सब्जियां और नट्स चुनें

        योग/ध्यान से तनाव प्रबंधन करें; उच्च कोर्टिसोल चक्रों को बाधित करता है

        मासिक धर्म के दौरान, क्रेविंग शरीर की ग्लूकोज/सोडियम आवश्यकता का संकेत है – जंक फूड नहीं! चॉकलेट की जगह रोटी या घर के बने स्नैक्स लें

        दर्द कम करने के लिए पीरियड्स से पहले डेयरी उत्पादों से परहेज करें। छोटे आहार परिवर्तन हार्मोनल असंतुलन को रोक सकते हैं, जिससे दवाओं की आवश्यकता कम हो जाती है।

        04. सामाजिक मानदंडों से बंधी महिलाओं के लिए आपका संदेश?

          डॉ. राठौड़: परिवारों के लिए, सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं: उनके सपनों का समर्थन करें। अगर कोई महिला पढ़ना/काम करना चाहती है, तो उसका स्तंभ बनें – बाधा नहीं। समाज अक्सर महिलाओं को अनुमति मांगने के लिए प्रोग्राम करता है, लेकिन आत्मविश्वास तब आता है जब परिवार उनके चुनावों पर भरोसा करते हैं। मेरे पिता ने मुझे सिखाया, “दूसरों को उत्कृष्टता प्राप्त करते देखो मत – उनसे बेहतर करो।” महिलाओं में क्षमता की कमी नहीं होती; अवसरों की कमी होती है। बाहर निकलें, दुनिया की सुंदरता को अपनाएं, और अपनी कहानी को फिर से लिखें। सशक्तिकरण घर से शुरू होता है – जब पति, पिता और भाई महिलाओं की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करते हैं, तो चमत्कार होते हैं।

          05. परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सलाह?

            डॉ. राठौड़: पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। रात भर जागने से कोर्टिसोल और याददाश्त प्रभावित होती है – रात 10 बजे तक सोएं, सुबह जल्दी उठें। अखरोट जैसे दिमाग को तेज करने वाले खाद्य पदार्थ खाएं और हाइड्रेटेड रहें। स्मार्ट स्टडी: रटने के बजाय अवधारणाओं पर ध्यान दें। ब्रेक लें (हर घंटे 5 मिनट की वॉक ट्राई करें)। अंत में, खुद पर विश्वास करें – परीक्षाएं तैयारी की जांच करती हैं, आपकी कीमत की नहीं। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने शिक्षा और राइफल शूटिंग को संतुलित किया, मैंने सीखा कि अनुशासन और आत्म-देखभाल अंतहीन रटने से बेहतर है। आपका शरीर और दिमाग आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है; उन्हें पोषित करें।

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            रुपाली कुमावत पिछले कई वर्षों से लेखन क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनको हिंदी कविताएं, कहानियां लिखने के अलावा ब्रेकिंग, लेटेस्ट व ट्रेंडिंग न्यूज स्टोरी कवर करने में रुचि हैं। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से BADM में M.Com किया हैं एवं पंडित दीनदयाल शेखावाटी यूनिवर्सिटी से family law में LL.M किया हैं। रुपाली कुमावत के लेख Focus her life, (राजस्थान पत्रिका), सीकर पत्रिका, https://foucs24news.com, खबर लाइव पटना जैसे मीडिया संस्थानों में छप चुके हैं। फिलहाल रुपाली कुमावत 89.6 एफएम सीकर में बतौर न्यूज कंटेंट राइटर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
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