Sunita Williams Health Impact: अंतरिक्ष में समय बिताना जितना रोमांचक होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। नासा की मशहूर अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर लगभग 290 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं। हालांकि अंतरिक्ष यात्री विशेष प्रशिक्षण लेते हैं, लेकिन माइक्रोग्रैविटी में लंबा समय बिताने से शरीर पर कई प्रभाव पड़ते हैं। आइए जानते हैं कि सुनीता को धरती पर लौटने के बाद किन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मांसपेशियों और हड्डियों पर पड़ता है असर
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव नहीं होता, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। सुनीता को पृथ्वी पर लौटने के बाद चलने, संतुलन बनाए रखने और थकान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, हड्डियों का घनत्व भी कम हो जाता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
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संतुलन और हृदय पर असर
अंतरिक्ष में रहने से शरीर की संतुलन प्रणाली प्रभावित होती है। सुनीता को धरती पर लौटने के बाद चक्कर आना और दिशा भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, हृदय और रक्तचाप में भी बदलाव आ सकता है, जिससे थकान और चक्कर आने की शिकायत हो सकती है।
दृष्टि और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
माइक्रोग्रैविटी के कारण मस्तिष्क में तरल पदार्थ का दबाव बढ़ जाता है, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है। इसके अलावा, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मानसिक तनाव, अकेलापन और अनिद्रा जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
रिकवरी प्रक्रिया: कैसे करेंगे सामना?
नासा की मेडिकल टीम ने सुनीता और उनके साथी के लिए एक विशेष पुनर्वास कार्यक्रम तैयार किया है। इसमें मांसपेशियों को मजबूत करने, हड्डियों की मजबूती बढ़ाने और संतुलन सुधारने के लिए व्यायाम और थेरेपी शामिल हैं। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने के लिए काउंसलिंग भी दी जाएगी।