Jaisalmer Saraswati River Water Viral Video: जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र में एक आश्चर्यजनक घटना ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया। जिसे कभी सरस्वती नदी का प्रवाह माना जाता था, उस नहरी क्षेत्र में ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन से पानी का फव्वारा फूट पड़ा। यह घटना चक 27 बीडी के पास विक्रम सिंह के खेत में हुई। खुदाई के दौरान न केवल जमीन में मशीन धंस गई, बल्कि खेत एक बड़े तालाब में तब्दील हो गया। इस घटना अब वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
हो रही थी ट्यूबवेल की खुदाई
यह घटना तब हुई जब खेत में ट्यूबवेल की खुदाई 800 फीट गहराई तक पहुंच गई। जैसे ही खुदाई के बाद पाइप को निकाला जा रहा था, पानी तेजी से ऊपर उठने लगा। पानी का बहाव इतना तेज़ था कि कुछ ही समय में आसपास के खेत पानी में डूब गए। हजारों लीटर पानी खेत में भर गया, जिससे यह इलाका पानी से लबालब हो गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने इसे और भी चर्चा का विषय बना दिया है।
#थार_में_जलधारा जैसलमेर के मोहनगढ में सरस्वती नदी की धारा धरती के नीचे से निकली!
पश्चिम राजस्थान में भी जलस्तर कही जगह बढ़ रहा है, pic.twitter.com/rc8MiAZnrL
— Pawan Thalore RLP (@pawanthalorerlp) December 28, 2024
लुप्तप्राय सरस्वती नदी का पानी?
इस घटना के बाद भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास ईणखिया ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे सामान्य भूजल रिसाव मानने से इनकार किया और इसे लुप्तप्राय सरस्वती नदी के प्राचीन चैनल से जोड़कर देखा। डॉ. ईणखिया ने बताया कि यह घटना भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण हो सकती है। उन्होंने संभावना जताई कि यह क्षेत्र कभी सरस्वती नदी का हिस्सा रहा हो।
राजस्थान के जैसलमेर जिले मे मोहनगढ कस्बे का मामला हे।बोरवेल मशीन से ट्यूबवेल खुदाई कर रहे थे।100 फीट की खुदाई पर अथाक जल प्रवाह प्रकृतिक की लीला भी गजब निराली हे। pic.twitter.com/U7U8JZdpis
— sarita (@sarita_5M) December 28, 2024
प्रशासन की भूमिका और ग्रामीणों की चिंता
जानकारी के अनुसार, ट्यूबवेल की खुदाई बिना प्रशासनिक स्वीकृति के की जा रही थी। खुदाई के दौरान मशीन तक जमीन में धंसने से यह घटना और भी जटिल हो गई। प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना से आसपास के ग्रामीण भी चिंतित हैं। पानी के तेज बहाव के कारण कई घरों में पानी भर गया, जिससे नुकसान की संभावना बढ़ गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या का समाधान जल्द निकालने की अपील की है।
मामले की होगी जांच
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से यह संकेत मिलता है कि यह क्षेत्र कभी सरस्वती नदी के प्रवाह क्षेत्र का हिस्सा रहा होगा। यह घटना वैज्ञानिक अध्ययन और ऐतिहासिक अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
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