Rajasthan Cold Wave Alert: राजस्थान में सर्दी अपने चरम पर पहुंचने लगी है। अगले चार दिनों में प्रदेश के कई जिलों में कड़ाके की ठंड का अनुमान है। मौसम विभाग ने इस सीजन का पहला शीतलहर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। शेखावाटी क्षेत्र के फतेहपुर (सीकर) सहित अन्य हिस्सों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है। फतेहपुर में सोमवार को न्यूनतम तापमान -1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह लगातार छठा दिन है जब यहां पारा जमाव बिंदु के नीचे बना हुआ है।
सीकर जिले के रानोली गांव में बर्फीली सर्दी का आलम यह रहा कि खेत में खड़ी कार की छत पर बर्फ जम गई। इसी तरह, अलवर और बानसूर में फसलों पर बर्फ की परत जमने की घटनाएं भी सामने आई हैं। खेतों में ओस की बूंदें बर्फ में बदलने लगी हैं, जिससे रबी की फसल को नुकसान का खतरा पैदा हो गया है।
शीतलहर का प्रकोप
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय उत्तर भारत में कोई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं है। इससे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश से ठंडी हवाएं सीधे राजस्थान और अन्य मैदानी राज्यों में पहुंच रही हैं। विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र पारीक के अनुसार, कोहरा न होने की वजह से तापमान में गिरावट हो रही है। जब तक कोहरा नहीं बनता, तब तक तापमान माइनस में या उसके करीब ही रहेगा।
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जयपुर समेत अन्य शहरों में दिन के समय तेज धूप ने कुछ राहत दी है। रविवार को जयपुर में अधिकतम तापमान 25.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, लेकिन रात का न्यूनतम तापमान तेजी से गिरा। इसी तरह, माउंट आबू में सर्दी का कहर जारी है, जहां खुले में रखे पानी और बर्तनों पर बर्फ जमने की घटनाएं आम हो गई हैं।
फतेहपुर में माइनस में चल रहा तापमान
फतेहपुर: लगातार छठे दिन तापमान शून्य से नीचे (-1.0°C)
अलवर: फसलों पर जमी बर्फ, रबी फसल को नुकसान की आशंका
बानसूर: ओस की बूंदें बर्फ में बदली, फसलों पर असर
जयपुर: न्यूनतम तापमान 5°C, धूप के कारण दिन में राहत
माउंट आबू: रात में बर्फ जमने की घटनाएं
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने शेखावाटी और उत्तरी राजस्थान के लिए 17 से 19 दिसंबर तक ऑरेंज अलर्ट और अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। शेखावाटी क्षेत्र के सीकर, चूरू और झुंझुनूं में ठंड और बढ़ने की संभावना है। अलवर, नागौर और बीकानेर में भी तापमान में भारी गिरावट का अनुमान है।
इस ठंड के कारण, खासतौर पर किसानों और बुजुर्गों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। किसान फसलों को पाले से बचाने के लिए सिंचाई करें और खुले में खड़ी गाड़ियों को कवर करें।