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Rajasthan News: अब राजस्थानी भाषा को मिलने वाली है राष्ट्रीय मान्यता? मोदी सरकार तक पहुंची बात

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राजस्थानी भाषा को राष्ट्रीय मान्यता देने की मांग पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री की पहल से उम्मीदें बढ़ी हैं। मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसे आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सिफारिश की है। इससे शिक्षा, सरकारी कार्यों और सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। जनता की जागरूकता जरूरी है।

Prerna Koushik
By Prerna Koushik - Content Writer Jaipur
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Rajasthan News: राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को पहचान देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। हाल ही में, राजस्थान के शिक्षा मंत्री की पहल पर राज्य के मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की। अब केंद्र से इस पर पहल करने की जरूरत है। अगर मोदी सरकार इस मांग पर अपनी स्वीकृति दे देती है तो राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल जाएगी। इस पहल से न केवल राज्य में उत्साह का माहौल है, बल्कि राजस्थानी भाषा के प्रेमियों को भी राष्ट्रीय स्तर पर इसे पहचान मिलने की उम्मीद जगी है।

राजस्थानी भाषा का महत्व

राजस्थानी भाषा राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में बोली जाने वाली बोलियों का समुच्चय है। इसमें मारवाड़ी, मेवाड़ी, शेखावाटी, हाड़ौती, बागड़ी और अन्य प्रमुख बोलियां शामिल हैं। यह भाषा न केवल राजस्थान की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि इसकी जड़ें भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में भी गहराई तक बसी हैं।

राजस्थानी साहित्य और लोकगीत पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखते हैं। “पधारो म्हारे देश” जैसे लोकगीत और कहानियां राजस्थान के आतिथ्य और गरिमा को बखूबी दर्शाते हैं। हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थानी भाषा को अब तक वह पहचान नहीं मिल पाई है, जिसकी यह हकदार है।

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मान्यता का महत्व

राजस्थानी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से कई लाभ हो सकते है:

1. शैक्षिक विकास: स्कूलों और कॉलेजों में राजस्थानी भाषा को एक विषय के रूप में पढ़ाया जा सकेगा, जिससे नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रह सकेगी।

2. सरकारी कार्य: राजस्थानी भाषा को सरकारी कामकाज में इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे स्थानीय जनता और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद स्थापित हो सके।

3. संस्कृति का संरक्षण: भाषा को मान्यता मिलने से साहित्य, कला, और संगीत को प्रोत्साहन मिलेगा, जो धीरे-धीरे खत्म हो रही सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगा।

शिक्षा मंत्री की पहल और आगे का रास्ता

शिक्षा मंत्री ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए मुख्य सचिव को केंद्र सरकार को पत्र लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। इस पत्र में बताया गया है कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिलेगा।

अब केंद्र सरकार पर है कि वह इस प्रस्ताव पर विचार करे और संसद में इसे पारित कराए। हाल ही में, विभिन्न राज्यों की भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है, जिससे यह आशा और भी बढ़ गई है कि राजस्थानी भाषा को भी यह सम्मान मिलेगा।

जनता की भूमिका

राज्य की जनता को भी इस मांग को लेकर जागरूक होना होगा। अगर लोग अपनी भाषा को पहचान दिलाने के लिए एकजुट होते हैं, तो यह आंदोलन और भी मजबूत हो सकता है।

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Prerna Koushik
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Prerna Koushik 89.6 एफएम सीकर में Intern, Content Writer, Blog Editor और Anchor हैं। वे प्रतिदिन सीकर और Jobs से संबंधित Updates देती हैं। प्रेरणा के लेखन और Reporting का उद्देश्य लोगों को सही जानकारी और अवसरों से जोड़ना है। उनके काम की विविधता उन्हें Content की दुनिया में एक विशिष्ट पहचान दिलाती है, चाहे वह ब्लॉग संपादन हो या Anchoring
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