Sikar Band News: सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को खत्म करने के विरोध में शनिवार को सीकर और नीमकाथाना में भारी प्रदर्शन हुए। विभिन्न संगठन इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे। सीकर में बाजार बंद का मिलाजुला असर रहा। जबकि नीमकाथाना में रैलियां और विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। सीकर के जाट बाजार, घंटाघर, रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों में दुकानें बंद करने की अपील की गई थी। हालांकि, अस्पताल, मेडिकल शॉप, पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी जैसे आवश्यक सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठान खुले रहे।
सीकर बंद के दौरान नवलगढ़ रोड पर बंद समर्थकों और एक रेस्टोरेंट मालिक के बीच कहासुनी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि आपस में मारपीट हो गई। दोनों तरफ से देख लेने की धमकियां दी गईं। वहां मौजूद लोगों और कुछ पुलिसकर्मियों ने बीच बचाव किया, तब जाकर मामला शांत हुआ।
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सीकर में टैक्सी यूनियन (सीटू) ने भी बंद का समर्थन किया। संघर्ष समिति के सदस्य भागीरथ मल जाखड़ ने कहा कि यह विरोध सरकार को चेतावनी देने के लिए है। उनका कहना था कि जब तक सीकर को फिर से संभाग और नीमकाथाना को जिला का दर्जा नहीं मिल जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। आने वाले दिनों में इस आंदोलन को और उग्र किया जाएगा और सड़कें जाम की जाएंगी।
सीकर के विरोध में माकपा के जिला सचिव पेमाराम और कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने भी सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने भाजपा सरकार को किसानों और युवाओं के प्रति उदासीन बताया। माकपा और अन्य संगठनों ने इस कदम को विकास के बजाय विनाश की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया।
वहीं, नीमकाथाना में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली। उपेंद्र शर्मा, महासंघ के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार नीमकाथाना को जिला और सीकर को संभाग नहीं बना देती।
नीमकाथाना में बार संघ ने भी विरोध जताया और 10 जनवरी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की। इसके अलावा, नीमकाथाना जिला बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य 5 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। विधायक सुरेश मोदी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द ही नीमकाथाना को जिला घोषित नहीं करती, तो आंदोलन और उग्र हो जाएगा।
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