Shattila Ekadashi 2025 Date: माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली षटतिला एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह पापों को नष्ट करने और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। आइए जानते हैं इस पावन व्रत की कथा, महत्व, विधि और तिथि विस्तार से।
षटतिला एकादशी का महत्व
षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने और व्रत रखने से भक्त को अद्भुत पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन तिल के उपयोग और दान का विशेष महत्व है, जो व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के दोष और पापों को समाप्त करता है।
तिल के 6 प्रकार के उपयोग
इस दिन तिल का 6 प्रकार से प्रयोग करना अत्यंत शुभ माना गया है:
1. तिल मिश्रित जल से स्नान
2. तिल का उबटन
3. तिल का तिलक
4. तिल मिश्रित जल का सेवन
5. तिल से निर्मित भोजन
6. तिल से हवन
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इसके अतिरिक्त, भगवान विष्णु को तिल और उड़द से बना भोग अर्पित करना भी लाभकारी है।
षटतिला एकादशी व्रत कथा
प्राचीन काल में एक ब्राह्मणी, जो भगवान विष्णु की परम भक्त थी, अन्न दान नहीं करती थी। जब वह मृत्यु के बाद वैकुंठ पहुंची, तो उसे खाली कुटिया मिली। ब्राह्मणी के प्रश्न पर भगवान विष्णु ने बताया कि दान न करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने ब्राह्मणी को षटतिला एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। व्रत के प्रभाव से उसकी कुटिया धन-धान्य से भर गई। इस कथा से यह संदेश मिलता है कि दान और भक्ति का जीवन में कितना महत्व है।
षटतिला एकादशी व्रत विधि
व्रत की तैयारी
दशमी तिथि को: सात्विक भोजन करें।
सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण न करें।
एकादशी तिथि पर व्रत का पालन
1. सुबह स्नान के पानी में तिल मिलाएं और स्नान करें।
2. स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
3. व्रत का संकल्प लें।
4. भगवान गणेश का पूजन कर भगवान विष्णु को तिल से बने भोग अर्पित करें।
5. पूरे दिन तिल का प्रयोग करें और दान करें।
षटतिला एकादशी 2025: पारण का समय
द्वादशी के दिन पूजा-पाठ के बाद मुहूर्त अनुसार व्रत का पारण करें।
षटतिला एकादशी 2025 की तिथि और समय
25 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
एकादशी तिथि प्रारंभ: 24 जनवरी 2025, शाम 7:25 बजे।
एकादशी तिथि समाप्त: 25 जनवरी 2025, शाम 8:23 बजे।
व्रत तोड़ने का समय: 26 जनवरी 2025, सुबह 6:15 से 9:21 बजे तक।
द्वादशी समाप्ति: 26 जनवरी 2025, सुबह 8:55 बजे।
षटतिला एकादशी का फल
यह व्रत न केवल पापों का नाश करता है बल्कि व्यक्ति को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है। भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। षटतिला एकादशी का व्रत विधिपूर्वक रखने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस पावन दिन पर भगवान विष्णु की आराधना करें और तिल का उपयोग एवं दान कर अपना जीवन धन्य बनाएं।