Surya and Chandra Grahan in 2025: साल 2025 खगोलीय घटनाओं के लिहाज से बेहद खास होगा। इस वर्ष कुल 4 ग्रहण लगेंगे, जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण शामिल हैं। इनमें केवल 7-8 सितंबर का चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखाई देगा। ग्रहणों से जुड़ी मान्यताओं और ज्योतिषीय सावधानियों का पालन करना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इन ग्रहणों की तारीखें, भारत में उनकी दृश्यता और ज्योतिषीय प्रभाव।
साल 2025 के ग्रहण खगोलीय दृष्टि से रोचक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। जिसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही क्षेत्र में काफी महत्व है। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान होने वाली घटनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है और इसका धार्मिक पहलू भी बताया गया है मान्यता है कि एक साल में तीन या उससे अधिक ग्रहण का होना शुभ नहीं माना जाता है अगर ऐसा होता है तो ग्रहण से देश में रहने वाले लोगों को कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है आईए जानते हैं कि 2025 में हमारे भारत में कौन सा ग्रहण लगने वाला है और इससे संबंधित पूरी जानकारी:-
साल 2025 में लगने वाले ग्रहण
पहला चंद्र ग्रहण: 14 मार्च 2025
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- साल का पहला ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।
- दृश्यता: यह ग्रहण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी व दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
- भारतीय समय: सुबह 10:39:03 बजे शुरू होकर दोपहर 2:18:02 बजे समाप्त होगा।
- भारत में प्रभाव: यह भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
पहला सूर्य ग्रहण: 29 मार्च 2025
- दूसरा ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
- दृश्यता: यह उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, यूरोप और रूस में दिखाई देगा।
- भारतीय समय: दोपहर 2:20 बजे शुरू होकर शाम 6:13 बजे समाप्त होगा।
- भारत में प्रभाव: यह भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
दूसरा चंद्र ग्रहण: 7-8 सितंबर 2025
- यह वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण और भारत में दिखाई देने वाला एकमात्र ग्रहण होगा।
- दृश्यता: यह अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, हिंद महासागर और यूरोप में देखा जा सकेगा।
- भारतीय समय: रात 9:56:08 बजे शुरू होकर मध्यरात्रि 1:26:08 बजे समाप्त होगा।
- भारत में प्रभाव: यह ग्रहण भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य होगा।
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21-22 सितंबर 2025
- साल का चौथा और अंतिम ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
- दृश्यता: यह न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिमी अंटार्कटिका में दिखाई देगा।
- भारतीय समय: 21 सितंबर रात 10:59:08 बजे शुरू होकर 22 सितंबर तड़के 3:23 बजे समाप्त होगा।
- भारत में प्रभाव: यह भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
ग्रहण क्यों लगते हैं?
- सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है।
- प्रकार: आंशिक, वलयाकार और पूर्ण।
- प्रभाव: सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पूरी तरह नहीं पहुंच पाता।
चंद्र ग्रहण
- चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है।
- प्रक्रिया: पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा का प्रकाश अवरुद्ध हो जाता है।
- प्रभाव: ज्योतिषीय दृष्टि से चंद्र ग्रहण मानसिक और भावनात्मक प्रभाव डाल सकता है।
ज्योतिषीय महत्व और सावधानियां
- ग्रहण के दौरान विशेष पूजा-पाठ या नए कार्यों की शुरुआत से बचना चाहिए।
- ग्रहण के समय ध्यान और मंत्र जाप को शुभ माना गया है।
- सूतक काल में भोजन और जल का सेवन वर्जित माना जाता है।