Ram Mandir Holi: अयोध्या में राम मंदिर की रंगों वाली होली इस बार बहुत ही विशेष होने वाली है। क्योंकि, सीएसआईआर-एनबीआरआई ने इस बार ‘कचनार’ पेड़ के फूल से हर्बल गुलाल तैयार किया है, जिसका उल्लेख रामायण में मिलता है। क्योंकि, इसे भगवान राम के शासनकाल के दौरान अयोध्या के ध्वज पर बनाया गया था। कचनार को त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष माना जाता था और यह हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति मे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है।
NCBI के वैज्ञानिको की पहल
NCBI के वैज्ञानिकों ने अयोध्या क्षेत्र में पाए जाने वाले औषधीय पौधों और पेड़ों का अध्ययन करते हुए कचनार की विशेषताओं की खोज की और हर्बल गुलाल बनाने के लिए इसके साथ प्रयोग करने का निर्णय लिया। चूंकि हर्बल गुलाल बनाने के लिए कचनार के उपयोग पर कोई साहित्य उपलब्ध नहीं था, इसलिए वैज्ञानिक अपना प्रयोग किया।
एनबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक एसके तिवारी ने कहा कि हर्बल ग़ुलाल बनाने के लिये हमने कचनार के फूलों को पिसा और उससे गुलाल बनाया है। इसके बाद हमने इसमें हर्बल टैल्कम पाउडर, हर्बल सुगंध और हर्बल एसेंस मिलाया और लगभग 25-30 किलोग्राम गुलाल तैयार किया।
एनबीआरआई द्वारा बनाया गया हर्बल गुलाल चार रंगों में आता है: गुलाबी, लाल, पीला और हरा और पांचवां रंग कचनार गुलाल का है। तिवारी ने कहा, “हम इसकी तकनीक उन कंपनियों को हस्तांतरित करेंगे जो पहले से ही एनबीआरआई तकनीकों का उपयोग करके हर्बल गुलाल बना रही हैं या नई कंपनियों को हस्तांतरित करेंगे ताकि यह जनता तक पहुंच सके।”
गोरखपुर के मंदिर मे भी भेट किया गया ये हर्बल गुलाल
इस पहल का यूपी के मुख्यमंत्री ने भी बहुत सराहना की है। संस्था द्वारा बनाया गया एक गुलाल गोरखनाथ मंदिर में भी भेंट किया गया है। बुधवार को संस्थान के निदेशक ने दोनों खास गुलाल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भेंट किए।
त्वचा की सुरक्षा के लिए हर्बल गुलाल का प्रयोग अच्छा रहता है ताकि होली के रंग से शरीर को किसी तरह का नुकसान न झेलना पड़े।