रमादान 12 मार्च 2024 से शुरू हो रहे हैं। जिस दिन सऊदी अरब में चांद दिखता है उसी दिन यह त्यौहार शुरू होता है। भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों में चांद एक दिन बाद में दिखाई देता है। इस्लाम में हिजरी कैलेंडर या फिर लूनर कैलेंडर का प्रयोग होता है इसके हिसाब से साल में 354 दिन होते हैं और यह चांद के फेस पर निर्भर रहते हैं। मुस्लिम रमादान के त्यौहार को बड़े धूम धाम से मनाते हैं। आइए जानते हैं इस महीने में कौन कौन सी रस्मों का पालन होता है और यह कैसे मनाया जाता है।
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पूरे विश्व के मुस्लिम रमादान (Ramadaan) के दौरान सूर्योदय होने से लेकर सूर्यास्त होने तक व्रत रखते हैं। दिन में दो मुख्य मील खाई जाती हैं। इनमें से एक का नाम है इफ्तार जोकि सूर्यास्त होने के बाद खाई जाती है और दूसरी का नाम सुहूर होता है जो सूर्योदय से पहले खाई जाती है। इफ्तार में परिवार के सब लोग एक साथ बैठ कर ही अपना व्रत खोलते हैं।
इफ्तार का समय हर रोज अलग हो सकता है क्योंकि यह सूर्य के छिपने पर निर्भर करता है। इस महीने के दौरान मुस्लिम सूर्य के उदय और अस्त होने के समय पर खास ध्यान देते हैं। भारत में क्षेत्र के हिसाब से अलग अलग जगहों पर इफ्तार का समय अलग अलग हो सकता है। यह त्यौहार परिवार को एक साथ जोड़े रखने का भी काम करता है क्योंकि इस (Ramadaan) महीने के दौरान पूरा परिवार शाम को और सुबह एक साथ खाना खाने बैठता है। जब यह महीना खत्म होता है तो ईद मनाई जाती है जिस दिन चांद दिखता है। ईद का मुस्लिम धर्म में खास महत्त्व है और इस दिन मुस्लिम लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जा कर मिलते बैठते हैं और मिठाइयों और तोहफों का आदान प्रदान करते हैं। साथ में ही बहुत अच्छे और नए नए कपड़े पहन कर तैयार भी होते हैं।