Rajasthan Flood History: कहते हैं रेगिस्तान समंदर को भी सोख ले मगर वास्तव में ऐसा नहीं होता। इस बात का साक्षी है राजस्थान। जहां भीषण बारिश ने रेगिस्तान को समंदर में बदल दिया था।
आज हम राजस्थान के बाढ़ का इतिहास (Rajasthan Flood History) समझेंगे।
साल 2024 में भी राजस्थान में जमकर बारिश हो रही है। नदियां उफान मार रही हैं और जयपुर, करौली जैसे कईयों में जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है। मीडिया रिपोर्ट्स में बाढ़ के कारण राजस्थान में मरने वालों की संख्या भी करीब 30 के पार पहुंच चुकी है। मगर, राजस्थान में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा।
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राजस्थान में इससे पहले भी भीषण बाढ़ आ चुके हैं। उनमें सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई थी। उन तस्वीरों को देखकर और खबरों को पढ़कर आपका कलेजा दहल जाएगा। आइए एक-एक करके हम राजस्थान के भीषण बाढ़ की कहानी पढ़ते हैं।
राजस्थान में 1981 का बाढ़ | Rajasthan Flood In 1981
बात कर रहे हैं साल 1981 की। जब राजस्थान में बाढ़ आने से अखबारों के पन्ने भरे थे। जयपुर में 18 और 19 जुलाई 1981 को करीब 60 सेमी की बारिश दर्ज की गई थी। ये बरसात अनुमान से बाहर की बात थी। इसका अंदाजा ना मौसम विज्ञान को था और ना ही किसी और को।

राजस्थान के 1981 के बाढ़ में करीब 25 लोगों के मरने की पुष्टी की गई थी। बताया जाता है कि उस बारिश ने करीब 80 साल का रिकॉर्ड ब्रेक किया था। आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी भयंकर बरसात हुई थी।
राजस्थान में 2006 का बाढ़ | Rajasthan Flood In 2006

राजस्थान में 2006 का बाढ़ सबसे भयानक बताया जाता है। कहा जाता है कि करीब 200 सालों में भी इस तरह का बाढ़ नहीं देखा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स में बाढ़ के कारण करीब 3 हजार से अधिक लोगों को रेस्क्यू करने की जिक्र था और 300 लोगों के मरने की बात कही गई थी। जबकि, तत्कालीन मुख्य सचिव ललीत के पवार ने 77 लोगों के मरने की पुष्टि की थी।
बाड़मेर 2006 में समंदर में तब्दील हो गया था। बाड़मेर में उस वक्त करीब 577mm (अगस्त) तक बारिश दर्ज की गई थी।
राजस्थान में 2019 का बाढ़ | Rajasthan Flood In 2019

राजस्थान में 2019 में भयंकर बाढ़ आया था। बारां, कोटा, झालवाड़ा और धौलपुर ये चार जिले बुरी तरह प्रभावित हुए थे। उस दौरान चंबल नदी में भयंकर बाढ़ देखने को मिली थी। बाढ़ आने का ये कारण भी बताया गया था। 4 हजार से अधिक घर डैमेज हुए थे और करीब 4500 लोगों को रेस्क्यू किया गया था।
उस दौरान 42 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी।