Khatu Shyam ji Darshan: राजस्थान के सीकर जिले के खाटू श्यामजी मंदिर में बाबा श्याम का तिलक महोत्सव 7 नवंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। हर साल होने वाले इस आयोजन में बाबा श्याम के लाखों भक्त इस पवित्र तिलक समारोह में शामिल होते हैं, जो भक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु खाटू नगरी पहुंचते हैं और बाबा श्याम का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
मंदिर के दर्शन बंद रहेंगे
बाबा श्याम के तिलक महोत्सव की तैयारियों के मद्देनजर 6 नवंबर की रात 10 बजे से भक्तों के लिए मंदिर के दर्शन बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर प्रशासन और सेवा दल इस दौरान पूजा की विशेष तैयारियों में जुटे रहेंगे। इसके चलते अगले दिन, 7 नवंबर को शाम 5 बजे तक भक्तों को बाबा श्याम के दर्शन नहीं हो सकेंगे। इस अंतराल में बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार, पूजा-अर्चना और तिलक की तैयारियां की जाएंगी।
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यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि बाबा श्याम की भक्ति में समर्पित लोगों के लिए एक महान अवसर भी है, जिसमें वे उनकी विशेष सेवा और तिलक पूजन के साक्षी बन सकते हैं। मंदिर के पुजारियों द्वारा बाबा श्याम की आराधना और विशेष पूजा विधि-विधान से संपन्न की जाएगी। माना जाता है कि इस पूजा में शामिल होने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बाबा श्याम का आशीर्वाद उन्हें सदैव प्राप्त होता है।
भक्तों की अपार श्रद्धा और भक्तिभाव
तिलक महोत्सव के अवसर पर बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए पूरे देश से श्रद्धालु खाटू श्याम मंदिर में एकत्रित होते हैं। इस विशेष पूजा के दौरान बाबा श्याम को फूलों से सजाया जाएगा और उनका भव्य श्रृंगार किया जाएगा। भक्तगण इस अनुष्ठान में शामिल होकर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं और तिलक पूजन के समय बाबा श्याम की दिव्य उपस्थिति का अनुभव करते हैं।
तिलक समारोह के बाद शाम 5 बजे से बाबा श्याम के दर्शन फिर से खोले जाएंगे। इसके बाद भक्तजन बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे और उनकी कृपा का अनुभव कर पाएंगे। इस भव्य आयोजन में हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं, जो बाबा श्याम की महिमा का गान करते हैं और अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
मंदिर प्रशासन की विशेष तैयारियाँ
मंदिर प्रशासन और सेवा समिति ने इस महोत्सव के सफल आयोजन के लिए विशेष तैयारियाँ की हैं। भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिसमें साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और पानी की आपूर्ति जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे इस पवित्र आयोजन का पूरा लाभ उठा सकें।