AI in Lok Sabha Election 2024: भारत में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव सात चरणों में 19 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे, ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) में अपनी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि चीन AI का प्रयोग कर लोकसभा चुनाव को प्रभावित कर सकता है। गौरतलब है कि चीन ने 2023 में हुए ताइवान के चुनाव में भी AI का प्रयोग कर उसे प्रभावित करने का प्रयत्न किया था।
Microsoft Report on Lok Sabha Election: माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार चीन एआई (China Use AI in Lok Sabha Election 2024) की मदद से भारत, यूएसए तथा दक्षिणी कोरिया के आगामी चुनाव को प्रभावित करने की रणनीति बना रहा है। चीन उत्तर कोरिया भागीदारी से विश्वभर में 2024 में होने वाले चुनाव को लक्षित किया जा रहा है। भारत तथा चीन के मध्य सीमा विवाद में अन्य विवाद अक्सर सामने आते रहते हैं। इसलिए दोनों राष्ट्रों के बीच अंतरराष्ट्रीय संबंध कुछ ठीक नहीं है। कंपनी ने कहा कि फ्लैक्स टाइफून नामक एक चीनी साइबर इंजीनियर ने यूएस-फिलीपींस सैन्य अभ्यास से संबंधित संस्थाओं को लक्षित किया। माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि उसने 2023 में फिलीपींस, हांगकांग, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी प्रतिष्ठानों को लक्षित किया है।
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चीन क्यों करना चाहता है लोकसभा चुनाव को प्रभावित?
आए दिन भारत चीन विवाद सामने आते रहते हैं। चाहे वह सीमा विवाद हो, अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत का स्थान हो या अन्य व्यापारिक विवाद। हाल ही मेंचीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का नाम परिवर्तित किया है जिसके कारण विवाद उत्पन्न हुआ है। परिणाम स्वरुप वर्तमान सरकार की चीन के साथ विदेश नीति चीन के पक्ष में नहीं है। अतः चीन कृत्रिम बुद्धिमत्ता जनित कंटेंट का प्रयोग कर चुनाव के परिणामों को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर सकता है। चीन इन AI जनित कंटेंट के माध्यम से ऐसी संस्था, पार्टी या विचारधारा को प्रमोट कर सकता है जो चीन के पक्ष में हो। ताकि भारत की विदेश नीति चीन की पक्ष में चली जाए।
चीन किस प्रकार चुनाव को प्रभावित कर सकता है?
जैसा कि माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन AI जनित कंटेंट जैसे- फोटो, वीडियो, मीम्स का प्रयोग कर सकता है। चीन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता से न्यूज़ एंकर भी बना लिए हैं जो वास्तविक की भांति लगते हैं तथा जिनके द्वारा फेक कंटेंट को बुलवाया जा सकता है। AI जनित पोस्ट, मीम को प्रसारित किया जा सकता है, ताकि जनता देखे और उन पर भरोसा करने लगे।
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चुनाव पर इसका प्रभाव क्या पड़ेगा?
यदि चीन अपने इस रणनीति में सफल होता है तो यह भारतीय चुनाव के लिए नकारात्मक रहेगा, क्योंकि चुनाव का माहौल काफी गंभीर होता है। ऐसे में मतदाता संवेदनशील होते हैं। कोई भी फेक/ काल्पनिक घटना उन्हें प्रभावित कर सकती हैं। किसी राजनेता/ पार्टी की अस्मिता पर सवाल खड़ा कर सकता हैं। चुनाव /पार्टी/ उम्मीदवार के प्रति अविश्वास उत्पन्न कर सकता है।
आवश्यकता इस बात की है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में कड़े प्रबंध किए जाएं। साइबर सिक्योरिटी को मजबूत किया जाए ताकि इस प्रकार के कंटेंट के प्रसारण को रोका जा सके। AI जनित कंटेंट की पहचान कर उसे रद्द किया जा सके।