Hindu New Year 2024: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, एक जनवरी से नये साल की शुरुआत होती है। लेकिन हमारे सनातन धर्म में नये वर्ष की शुरुआत चैत्र मास (Chaitra Month 2024) की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है। जिसे भारतीय नववर्ष, विक्रम संवत (Vikram Samvat) और नवसंवत्सर के नाम से जाना जाता है। फिलहाल विक्रम संवत 2080 चल रहा है और चैत्र की प्रतिपदा तिथि को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2081 प्रारंभ हो जाएगा।
यह दिन बहुत से ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का होता है। इस दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी, और इसी दिन से नया संवत्सर शुरू होता है। इस दिन विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, और नए साल के स्वागत में उत्सव मनाए जाते हैं। आइये आज आपको बताते हैं भारतीय नववर्ष से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
2024 में कब से शुरू होगा नववर्ष? (Vikram Samvat 2081)
पंडित दिनेश जोशी के अनुसार, साल 2024 में हिंदू नववर्ष में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से होगी और प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 9 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को रात 8 बजकर 30 मिनट पर होगी। इसके चलते हिंदू नववर्ष 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महत्व
- इसी दिन तथा सृष्टि संवत 1, 96, 08, 53, 124 वर्ष पूर्व सूर्योदय के साथ ईश्वर ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था। साथ में महाराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ।
- सम्राट विक्रमादित्य ने इस दिन राज्य स्थापित किया था। इन्हीं के नाम पर विक्रम संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।
- 147 वर्ष पूर्व महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन को आर्य समाज की स्थापना दिवस के रूप में चुना। आर्य समाज वेद प्रचार का महान कार्य करने वाला एकमात्र संगठन है।
- विक्रमादित्य की भांति ही शालिवाहन ने हूणों को परास्त करके दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने के लिए यही दिन चुना।
- जगत जननी माँ जगदंबा की अराधना चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ भी इसी दिन से होता है, जिसे हम चैत्र शुक्ल नवरात्र के नाम से जानते हैं।
- सिखों के दूसरे गुरु अंगददेव जी का प्रकाश उत्सव इसी दिन मनाया जाता है।
- वरूणावतर भगवान झूलेलाल जी का जन्म भी इसी दिन मनाया जाता है।
वैदिक नववर्ष का महत्व
वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है। फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान को उसकी मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।
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वैदिक नववर्ष कैसे मनाएं
हम परस्पर एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देकर अपने परिचित मित्रों, रिश्तेदारों को नववर्ष के शुभ संदेश भेजे सकते हैं। इस मांगलिक अवसर पर अपने-अपने घरों पर भगवा पताका फहराएं। वेद आदि शास्त्रों के स्वधयाय का संकल्प लें। घरों एवं धार्मिक स्थलों में हवन यज्ञ के कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं।