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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में डुबकी लगाने आ रहीं Apple फाउंडर की पत्नी लॉरेन पॉवेल, संन्यासी बनकर रहेंगी अरबपति महिला

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Mahakumbh 2025: भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक, महाकुंभ मेला 2025, इस बार विशेष चर्चा में है। इसका कारण है दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक और Apple के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, लॉरेन पॉवेल जॉब्स का इस आयोजन में भाग लेना।

Rupali kumawat
By Rupali kumawat - Sub Editor
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Mahakumbh 2025: एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शामिल लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में डुबकी लगाने आ रही हैं। वह 13 जनवरी को महाकुंभ में आएंगी और यहां संगम की रेती पर कल्पवास भी करेंगी। कल्पवास भारतीय परंपरा का एक अहम हिस्सा है, जिसमें साधक एक महीने तक संयम, साधना और ध्यान के साथ अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यह भारतीय संस्कृति की गहराई और आध्यात्मिकता को समझने का एक उत्तम अवसर प्रदान करता है।

लॉरेन के लिए ठहरने की विशेष व्यवस्था निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में की गई है। शिविर में उन्हें न केवल भारतीय संतों के साथ समय बिताने का अवसर मिलेगा, बल्कि वह सनातन धर्म और भारतीय जीवनशैली की बारीकियों को भी समझ सकेंगी। यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को समृद्ध करेगा, बल्कि पश्चिमी देशों में भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में भी सहायक होगा।

कहां आयोजित हो रहा है महाकुम्भ?

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति का वह पर्व है, जो हर 12 साल बाद चार पवित्र स्थलों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक शुद्धिकरण का अवसर है। संगम पर डुबकी लगाकर लोग अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास रखते हैं। इस बार का महाकुंभ न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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आध्यात्मिकता विश्व स्तर पहुंचेगी

लॉरेन पॉवेल जॉब्स का महाकुंभ में भाग लेना यह साबित करता है कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की गूंज अब वैश्विक स्तर पर फैल रही है। 29 जनवरी तक वह शिविर में रहकर भारतीय संतों और विद्वानों से सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानेंगी। उनके इस कदम से यह संदेश मिलता है कि भारतीय संस्कृति में वह ताकत है, जो हर किसी को अपनी ओर खींच सकती है।

लॉरेन पॉवेल जॉब्स की उपस्थिति से महाकुंभ 2025 को एक नई पहचान मिली है। यह आयोजन अब केवल एक धार्मिक पर्व नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा मंच बन गया है, जहां भारतीयता और वैश्विकता का संगम होता है। महाकुंभ का यह स्वरूप न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करता है, बल्कि उसे दुनिया भर में सम्मान और पहचान दिलाने में मदद करता है।

महाकुंभ 2025 में लॉरेन पॉवेल जॉब्स की उपस्थिति भारत और भारतीयता के लिए एक गर्व का क्षण है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर कितनी अनमोल है और इसका प्रचार-प्रसार करना कितना आवश्यक है। इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।

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रुपाली कुमावत पिछले कई वर्षों से लेखन क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनको हिंदी कविताएं, कहानियां लिखने के अलावा ब्रेकिंग, लेटेस्ट व ट्रेंडिंग न्यूज स्टोरी कवर करने में रुचि हैं। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से BADM में M.Com किया हैं एवं पंडित दीनदयाल शेखावाटी यूनिवर्सिटी से family law में LL.M किया हैं। रुपाली कुमावत के लेख Focus her life, (राजस्थान पत्रिका), सीकर पत्रिका, https://foucs24news.com, खबर लाइव पटना जैसे मीडिया संस्थानों में छप चुके हैं। फिलहाल रुपाली कुमावत 89.6 एफएम सीकर में बतौर न्यूज कंटेंट राइटर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
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