Sankashti Chaturthi-अप्रैल महीने में कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इसे अंगार की चतुर्थी भी कहा जाता है। यह दिन बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस बार यह चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ रही है। उत्तर और दक्षिण भारत में काफी चाव से इस पर्व को मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस पर्व पर ज्यादा रंग शोर होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उनको सारे संकट काटने की प्रार्थना की जाती है। आइए जान लेते हैं इस बार कब की है यह एकादशी और इस दिन आप क्या क्या कर सकते हैं।
जानें कब है संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi)
27 अप्रैल को यह तिथि सुबह 8 बज कर 18 मिनिट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 28 अप्रैल को सुबह 8 बज कर 22 मिनट पर इसका समापन होगा।
Ganesha Strotam – अपने जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए गणेश स्त्रोतम का करें उच्चारण
जानें इस का महत्त्व और पूजा विधि (Sankashti Chaturthi)
इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान गणेश को समर्पित काफी कठोर व्रत भी रखा जाता है। इस दिन भक्त जन केवल फल और सब्जियां ही खा सकते हैं। कुछ लोग मूंगफली, साबूदाने की खिचड़ी और आलू भी खा लेते हैं। संकष्टी पूजा शाम को चांद के दिखने के बाद ही की जाती है। दूर्व घास और ताजे फूलों के साथ भगवान गणेश की मूर्ति को सजाया जाता है। इस दिन वैदिक मंत्रों का उच्चारण करना भी काफी शुभ रहता है। इसके अलावा आप को पूजा करने के बाद व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए। व्रत केवल शाम को चांद के दिखने के बाद और भगवान गणेश की पूजा के बाद ही खोला जाता है। मोदक आदि जैसे नैवेद्य भगवान विष्णु को अर्पित किए जाते हैं और इनको भोग लगाया जाता है। चंद्र देव को भी इस दिन खास चढ़ावा दिया जाता है जैसे चंदन का पेस्ट, पानी का छिड़काव, चंद्रमा देव को इस दिन फूल भी अर्पित किए जाते हैं।