Rudraksha-रुद्राक्ष का पहनना काफी शुभ माना जाता है। रुद्राक्ष की मालाएं भी होती हैं जिन्हें आप धार्मिक कामों में प्रयोग करते हैं। जो लोग रुद्राक्ष पहनते हैं उन पर भोले बाबा की बहुत कृपा रहती है। बहुत पुराने समय से ही रुद्राक्ष को काफी शक्तिशाली और शुभ माना जाता है। लेकिन भोले बाबा का रुद्राक्ष से किस प्रकार संबंध है। आइए जान लेते हैं रुद्राक्ष (Rudraksha) से जुड़ी कुछ बातों को जो जान कर आप को भी होगी हैरानी।
रुद्राक्ष का क्या अर्थ है?
Rudraksha रुद्राक्ष दो शब्दों से मिल कर बना है जो हैं रुद्र और अक्ष। रुद्र का अर्थ होता है अक्ष यानी अश्रु। रुद्राक्ष को शिवजी का विशेष आशीर्वाद वाला मोती भी कहा जाता है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ बातों के बारे में।
त्रिपुरासुर की कहानी
त्रिपुरासुर नाम का एक राक्षस था जो देवी देवताओं को बहुत परेशान किया करता था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस राक्षस के पास बहुत सारी दिव्य ऊर्जाएं और शक्तियां थी। यह राक्षस बेहद ही अहंकारी था। इस राक्षस से परेशान हो कर देवी देवताओं ने शिवजी से प्रार्थना की। उनकी प्रार्थना सुन कर भगवान शिव अपने ध्यान में चले गए और जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो उनकी आंख से आंसू गिरे। जहां जहां जमीन पर वह आंसू गिरा वहीं वहीं रुद्राक्ष (Rudraksha) का पेड़ उगने लगा। इसके बाद भोले बाबा ने त्रिपुरासुर का वध किया।
Rudraksha Benefits : रुद्राक्ष पहनने से आपको मिलेंगे ये अद्भुत फायदे
कितने मुखी होते हैं रुद्राक्ष?
रुद्राक्ष की जाप करने वाली माला में 108 रुद्राक्ष (Rudraksha) के मोती होते हैं। यह 1 से लेकर 27 मुखी तक हो सकते हैं। यह एक सूखा फल होता है जो पेड़ पर उगता है।
ब्रम्हा, विष्णु और महेश की रहती है कृपा
ऐसा माना जाता है की जो लोग रुद्राक्ष की माला पहनते हैं उन पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा बनी रहती है। आप को एकादशी, अमावस्या और शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा जैसे दिनों पर रुद्राक्ष को जरूर पहनना चाहिए।
ॐ नमः शिवाय का जाप करें
आप को रुद्राक्ष (Rudraksha) पहनते समय भोले बाबा का ध्यान करना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए। आप इसे पहनते समय ॐ नमः शिवाय का जाप कर सकते हैं।