Bhil Pradersh Demand: राजस्थान में आदिवासियों की महारैली का आयोजन किया गया है। बांसवाड़ा (Banswara) जिले में आदिवासियों के ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम (Mangarh Dham) में महारैली का आयोजन किया गया है।
भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) द्वारा इस महारैली लाखों लोगों के जुटने की बात कही है। बांसवाड़ा सांसद और आदिवासी नेता राजकुमार रोत (Raj Kumar Roat) ने भी इस महारैली में अधिक से अधिक लोगों से आने की अपील की है ताकि इस मुद्दे को आवाज मिल सके।
आदिवासी महारैली का उद्देश्य क्या है? (Adivasi Maha Rally In Rajasthan)
राजस्थान के मानगढ़ में आयोजित रैली का आयोजन हर साल 17 जुलाई को किया जाता है। इस बार मुहर्रम के कारण 18 जुलाई को आयोजित किया जा रहा है। इसमें राजस्थान सहित चार राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के भील आदिवासी लोग शामिल हुए हैं।
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भील प्रदेश बनाने की मांग (Bhil Pradersh Demand)
आदिवासी महारैली का आयोजन करके भील प्रदेश बनाने की मांग की जा रही है। इनका कहना है कि भीलों का एक अलग प्रदेश होना चाहिए। भारत आदिवासी पार्टी भील प्रदेश की मांग लगातार करते आ रहा है। इस मांग के पूरे होने तक इसका आयोजन करते रहेंगे। जान लें कि लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने के बाद संसद में शपथ लेने के दौरान भी बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने भील प्रदेश की मांग की थी।
भील प्रदेश में 4 राज्यों के इन जिलों की मांग (These Districts In Bhil Pradersh)
राजस्थान के 12 जिलों- बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली
गुजरात के 13 जिलों- अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा, भरुचा
मध्य प्रदेश के 13 जिलों- इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर
महाराष्ट्र के 7 जिलों- नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार, अलीराजपुर
इस तरह से 4 जिलों के करीब 45 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की जा रही है। भील प्रदेश में इन जिलों को शामिल करने के साथ नए राज्य के गठन को लेकर आदिवासी नेता अड़े हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है।