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सीकर नाम कैसे पड़ा, एक नहीं इस नाम के पीछे हैं कई कहानियां, जिसे जानना जरूरी है- Sikar Name History

Sikar Name History: सोचिए, सीकर का नाम कैसे पड़ा होगा। कई लोग सीकर को श्रीकर भी कहते हैं। जबकि सीकर का पुराना नाम (Sikar Old Name) कुछ और ही था। आज हम सीकर के नाम के इतिहास से जुड़े किस्से (Sikar Name History In Hindi) को यहां पर पढ़ेंगे।

Ravi Kumar
Written by: Ravi Kumar - News Editor (Consultant)
3 Min Read

Sikar Name History: सोचिए, सीकर का नाम कैसे पड़ा होगा। कई लोग सीकर को श्रीकर भी कहते हैं। जबकि सीकर का पुराना नाम (Sikar Old Name) कुछ और ही था। आज हम सीकर के नाम के इतिहास से जुड़े किस्से (Sikar Name History In Hindi) को यहां पर पढ़ेंगे।

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सीकर राजस्थान का ऐतिहासिक शहर (Sikar Is Historical City)

सीकर भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है। ये एक ऐतिहासिक शहर है। यह शहर अपनी कला और संस्कृति के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। सीकर सात “पोल” (दरवाजे) वाली किलेबंद दीवारों से घिरा हुआ शहर है। ये गेट हैं- बावरी गेट, फतेहपुरी गेट, नानी गेट, सूरजपोल गेट, पुराना दूजोद गेट, नया दूजोद गेट और चांदपोल गेट।

सीकर जिला की स्थापना (When Sikar Established)

सीकर जिला की वेबसाइट की जानकारी के मुताबिक, सीकर न्यायपालिका एवं न्यायालय जिला न्यायाधीश की स्थापना 01 जुलाई 1977 को की गई। इसके साथ ही सीकर के आधिकारिक रूप से राजस्थान का जिला बन गया। राजा दौलत सिंह शेखावत ने इसकी स्थापना की थी। वीर भान का वास को खीचड़ गौत्र के चौधरी वीरभान ने बसाया था।

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सीकर का पुराना नाम (Sikar Old Name)

सीकर का पुराना नाम “बीर भान का बास” था। इस नाम के बारे में आपको सीकर की इतिहास की किताबों में लिखित है। साथ ही इतिहासकार भी इसका जिक्र करते हैं। राजा दौलत सिंह शेखावत ने “बीर भान का बास” नाम भी रखा था।

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श्रीकर नाम भी रहा होगा (Sikar Name Was Srikar Too)

सीकर के नाम को लेकर एक बात यह भी कही जाती है। सीकर के महावीर पुरोहित का मानना है कि सीकर का नाम कभी श्रीकर भी रहा होगा। यही नाम बाद में सीकर हो गया।

श्रीकर का अर्थ होता है लक्ष्मी के उपासकों की धरा। इसके पीछे की कहानी ये है कि यहां के सेठ साहूकारों ने देश के आर्थिक तंत्र को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है। साथ ही इतिहास को खंगालने पर ये बात सामने आई है कि रियासत के पुराने पट्टे परवानों में सीकर का नाम मौजा सीकरी था।

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इस तरह से सीकर का नाम पड़ा है। सीकर शुरू से ही देश के विकास व उत्थान में अहम भूमिका निभाया है। इसके साथ ही इसका नाम भी समय के साथ बदलता रहा।

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