Anti Conversion Bill 2025: राजस्थान विधानसभा में सोमवार को भजनलाल शर्मा सरकार ने धर्म परिवर्तन विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सदन में प्रस्तुत किया। इसका आधिकारिक नाम ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ रखा गया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य जबरन धर्म परिवर्तन पर सख्त कार्रवाई करना और दोषियों को कठोर दंड देना है।
विधानसभा में होगी चर्चा, पास होने पर धर्मांतरण होगा कठिन
विधेयक पेश होने के बाद अब इस पर राजस्थान विधानसभा में गहन चर्चा की जाएगी। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो राज्य में धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया और अधिक नियंत्रित हो जाएगी। खासकर जबरन, धोखे से, प्रलोभन देकर या धमकी देकर किए गए धर्मांतरण पर कठोर सजा का प्रावधान होगा।
धर्मांतरण विधेयक 2025: क्या कहता है नया कानून?
इस विधेयक के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जबरन, धोखे से, लालच देकर या धमकी देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराता है, तो इसे गैर कानूनी माना जाएगा। इस प्रकार के अपराधों में दोषी पाए जाने पर 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है।
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इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करने के बाद विवाह करता है, तो न्यायालय इस विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है। नए नियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे कम से कम 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देनी होगी।
अन्य राज्यों में पहले से लागू है यह कानून
यह कानून देश के कई राज्यों जैसे झारखंड, कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पहले से लागू है। राजस्थान सरकार ने भी इस कानून को लाने की जरूरत महसूस की, क्योंकि राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोगों को आर्थिक लालच देकर, डरा-धमकाकर या धोखे से धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया है।
राजस्थान में धर्मांतरण रोकने की जरूरत क्यों?
राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल के अनुसार, इस विधेयक की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि राज्य के कई हिस्सों, विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में, संगठित रूप से धर्म परिवर्तन कराने के मामले बढ़ रहे हैं। कई संस्थाएं धर्म परिवर्तन के लिए आर्थिक प्रलोभन देकर लोगों को बहला-फुसला रही हैं। इसी कारण सरकार ने इस विधेयक को लाकर इसे गैर जमानती अपराध घोषित करने की पहल की है।
लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण पर सख्त कार्रवाई
इस विधेयक में लव जिहाद से जुड़े मामलों को भी ध्यान में रखा गया है। अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करवाने के बाद विवाह करता है, तो पीड़ित पक्ष न्यायालय में जाकर इस विवाह को अमान्य घोषित करवा सकता है। साथ ही, यह गैर जमानती अपराध माना जाएगा, जिससे आरोपी को तुरंत जमानत नहीं मिलेगी।
2008 में भी लाया गया था धर्मांतरण बिल
यह पहला मौका नहीं है जब राजस्थान में धर्म परिवर्तन को लेकर कानून लाने की कोशिश की गई है। साल 2008 में वसुंधरा राजे सरकार ने भी ऐसा ही विधेयक विधानसभा में पेश किया था। हालांकि, केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण यह कानून लागू नहीं हो पाया था।
धर्म परिवर्तन विधेयक 2025: क्या होंगे नए बदलाव?
- जबरन धर्म परिवर्तन करने पर 3 से 10 साल तक की सजा होगी।
- धोखे, लालच, या धमकी देकर धर्म परिवर्तन करवाने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
- स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने पर भी 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य होगा।
- लव जिहाद के मामलों में पारिवारिक न्यायालय विवाह को अमान्य कर सकता है।
- इस अपराध को गैर जमानती बनाया गया है, जिससे आरोपियों को तुरंत जमानत नहीं मिलेगी।