Weather
23°C
Sīkar
clear sky
23° _ 23°
23%
1 km/h
Wed
27 °C
Thu
28 °C
Fri
29 °C
Sat
30 °C
- Advertisement -

Electoral Bond Explainer: क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड, जिस पर मचा है घमासान, कौन जारी करता है चुनावी बॉन्ड? जानें हर सवाल का जवाब

- Advertisement -
Weather
23°C
Sīkar
clear sky
23° _ 23°
23%
1 km/h
Wed
27 °C
Thu
28 °C
Fri
29 °C
Sat
30 °C

Electoral Bond Explainer: क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड, जिस पर इतना घमासान मचा हुआ है। तो चलिए इलेक्शन कमीशन के इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा का विश्लेषणात्मक अध्ययन करते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है? (What is Electoral Bond in Hindi) सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली टॉप 5 कंपनी कौनसी है? (Top 5 Companies to Issue Electoral Bond)

Gullak Sharma
By Gullak Sharma - Sub Editor Latest News
- Advertisement -

Electoral Bond Explainer: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले देश में इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा गर्माया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Electoral Bond) की सख्ती के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा चुनाव आयोग (Election Commission) को सौंप दिया। जिसके बाद इलेक्शन कमीशन ने 14 मार्च 2024 को अपनी वेबसाइट पर डाटा को अपलोड किया गया। इलेक्टोरल बॉन्ड डाटा पब्लिक डोमेन में आते ही देश की सियासत में भूचाल आ गया। लेकिन, क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड, जिस पर इतना घमासान मचा हुआ है। तो चलिए इलेक्शन कमीशन के इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा का विश्लेषणात्मक अध्ययन करते हैं।

इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है? (What is Electoral Bond in Hindi)

इलेक्टोरल बॉन्ड अर्थात चुनावी बॉन्ड किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा गुप्त रूप से किसी पंजीकृत राजनीतिक पार्टी को दिया गया दान अथवा आर्थिक सहायता है। इसे वित्त विधेयक के रूप में लोकसभा में वर्ष 2017 में लाया गया तथा 2018 से इसे लागू किया गया।

इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने का अधिकार किसे है? (Who Issue Electoral Bond in India)

चुनावी बॉन्ड जारी करने का अधिकार भारतीय स्टेट बैंक को है, जो 1 हज़ार, 10 हज़ार, 1 लाख, 10 लाख तथा एक करोड रुपए के बॉन्ड जारी करता है। इन चुनावी बॉन्ड को व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा डिजिटल अथवा चेक के माध्यम से खरीदा जाता है। इन चुनावी बॉन्ड का नकदीकरण राजनीतिक पार्टी के बैंक खाता द्वारा किया जाता है। यदि 15 दिन के भीतर इलेक्टोरल बॉन्ड को रिडीम राजनीतिक पार्टी द्वारा नहीं किया जाता है तो इलेक्टोरल बॉन्ड की राशि प्रधानमंत्री के नेशनल रिलीफ फंड में चली जाती है। क्योंकि चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टी के खातों की निगरानी रखता है व राजनीतिक पार्टी भी बैंक खाते का विवरण चुनाव आयोग के साथ साझा करती है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा क्या है? (Election Commission Electoral Bond Data)

सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित करने के बाद एसबीआई द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा पब्लिक डोमेन में लाने की तैयारी की गई। जिसे 14 मार्च 2024 को इलेक्शन कमीशन द्वारा पब्लिक डोमेन में लाया गया। इलेक्शन कमीशन द्वारा डिस्क्लोजर ऑफ इलेक्टोरल बॉन्ड नाम से दो लिस्ट को अपनी ऑफिशल वेबसाइट पर जारी किया गया, जिसमें अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 तक का डाटा है।

Election Knowledge: वोटर लिस्ट में अपना नाम कैसे चेक करें? चुनाव आयोग घर बैठे देता है ये सुविधा

इलेक्शन कमीशन द्वारा जारी डाटा के अनुसार इस अवधि के दौरान 22,217 बॉन्ड खरीदे गए। राजनीतिक पार्टी द्वारा 22,030 इलेक्टोरल बॉन्ड को रिडीम करवाया गया। बाकी बचे इलेक्टोरल बॉन्ड को रिडीम नहीं करवाने के कारण प्रधानमंत्री के नेशनल रिलीफ फंड में इलेक्टोरल बॉन्ड की राशि जमा हो गई।

पार्ट 1: इलेक्शन कमीशन द्वारा जारी डाटा के पार्ट वन में किसी पर्सन अथवा बिजनेस हाउस द्वारा कितने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए तथा किस डेट को खरीदे गए का डाटा है।

पार्ट 2: पार्ट 2 में किसी पॉलिटिकल पार्टी को कितना धन मिला व किस डेट को मिला का डाटा है।

सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली टॉप 5 कंपनी कौनसी है? (Top 5 Companies to Issue Electoral Bond)

1. Future gaming and hotel service – ₹ 1,368 करोड़
2. Megha engineering and infrastructure – ₹ 966 करोड़
3. Quick supply chain- ₹ 410 करोड़
4. Vedanta ₹ 400 करोड़
5. Haldia energy ₹ 377 करोड़

Electoral bond का डाटा जारी होने से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि रिलायंस और अडानी ग्रुप द्वारा कितने इलेक्टरल बॉन्ड खरीदे गए होंगे! लेकिन पूरी सूची में इन दोनों के नाम कहीं नहीं है जिसके कारण इस डाटा की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अगर इस डाटा का विश्लेषण किया जाए तो विशेषज्ञों के अनुसार फ्यूचर गेमिंग कंपनी पर ED की कार्यवाही चल रही थी। लॉटरी किंग के नाम से मशहूर सैंटियागो मार्टिन द्वारा कुल इलेक्टोरल बॉन्ड का 11% खरीदा गया। इलेक्शन कमीशन द्वारा जारी दूसरी सूची के अनुसार कोयंबटूर स्थित इस कंपनी ने कुल 1368 करोड रुपए का चुनावी बॉन्ड खरीदा जिसमें करीब 37% हिस्सा डीएमके पार्टी को मिला। अन्य कंपनियां जिन्होंने सबसे अधिक मात्रा में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं उनको कई बड़े प्रोजेक्ट्स भी मिले हैं, इससे “चंदा दो, प्रोजेक्ट लो” की भ्रष्ट नीति उजागर हुई है।

Lok Sabha Chunav 2024: चुनाव आयोग की वो बड़ी बातें, जो नेताओं से लेकर जनता तक को समझ लेनी चाहिए

सबसे ज्यादा इलेक्टरल बॉन्ड प्राप्त करने वाली टॉप पॉलीटिकल पार्टी कौन सी है ?

1. भारतीय जनता पार्टी- 47%
2. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस- 12.60%
3. इंडियन नेशनल कांग्रेस- 11.14%
4. भारत राष्ट्रीय समिति- 9.51%
5. बीजू जनता दल- 6.07%

इलेक्शन कमीशन द्वारा जारी डाटा के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 6,986.5 करोड़ रूपए का चंदा मिला, जो कुल खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड का 47.46% है।

इलेक्टोरल बॉन्ड के दाता की विश्वसनीयता पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किए जाने के बाद एसबीआई द्वारा तैयार डाटा को इलेक्शन कमीशन द्वारा पब्लिक डोमेन में रखा गया। इसके बाद से ही इसके विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं जिसके पीछे निम्न तर्क हैं:
-इलेक्शन कमीशन द्वारा जारी सूची में कहीं भी अदानी व अंबानी ग्रुप का नाम नहीं है जो डाटा के पारदर्शिता पर सवाल उठाने का मुख्य कारण है।
-सबसे अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी वह है जिन पर सीबीआई अथवा ED की कार्यवाही चल रही थी। तो क्या यह कहा जा सकता है कि “चंदा दो और जांच से मुक्ति पाओ” के भ्रष्ट्र राजनीति का खेल खेला जा रहा था।
-कई इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियां वह भी है जिन्हें बड़े-बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स मिले हैं। तो क्या यह भी कहा जा सकता है कि “चंदा दो और प्रोजेक्ट लो” का खेल खेला जा रहा था।
-खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड पर यूनिक मैचिंग नंबर भी प्रदर्शित नहीं किए गए हैं। जिसके कारण भी इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किए जाने के पीछे सुप्रीम कोर्ट कोर्ट द्वारा दिए गए तर्क-

2018 में चुनावी बॉन्ड विधेयक लागू करने के साथ ही यह विवाद का विषय रहा। ADR (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म) कॉमन कॉस (सीसी) और कम्युनिस्ट पार्टी- सी द्वारा इस विधेयक के विपक्ष में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किया इसके पीछे निम्न तर्क दिए गए-

1. चुनावी बॉन्ड जिस उद्देश्य के लिए लाया गया था अर्थात पारदर्शिता स्थापित करने में असफल हुआ व इसका उपयोग मनी लांड्रिंग के लिए किया जाने लगा।
2. इस विधेयक के माध्यम से पार्टी को बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त धन राशि व उसके उपयोग का ब्यौरा देने से स्वतंत्र किया गया था। जो किसी मतदाता के सूचना के अधिकार ,अभिव्यक्ति के अधिकार पर प्रहार करता है।
3. अधिक मात्रा में कॉरपोरेट फंडिंग मिलने से क्रॉनि कैपिटलिजम की समस्या उत्पन्न होने लगी।
4. यह प्रक्रिया quid- pro – quo को प्रोत्साहित करता है जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।

हमें फॉलो करें
Share This Article
Gullak Sharma
Sub Editor
गुल्लक शर्मा शेखावाटी यूनिवर्सिटी से BSc में ग्रेजुएट किया हैं और वर्तमान में Civil Service की तैयारी कर रही हैं। उनको राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में साक्षात्कार देने का अनुभव प्राप्त हैं। Civil Service की तैयारी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय संबंध, पॉलिटी, करंट में चर्चित मुद्दों के कॉन्सेप्ट का गहराई से अध्ययन किया है। गुल्लक शर्मा को सरकारी योजनाएं, पाॅलिटी, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे और करंट अफेयर्स जैसे विषयों पर लिखने का अनुभव हैं। वर्तमान में 89.6 एफएम सीकर में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय व पॉलिटिकल न्यूज का जिम्मा संभाल रही हैं।
- Advertisement -
- Advertisement -

Latest News

Facebook

- Advertisement -
- Advertisement -

Contact Us

Ward No. 19, Raiji ka Kuwa, Near Palwas Road, Yojna Nagar, Kalwaria Kunj, Sikar, Rajasthan 332001

Email: contact@fmsikar.in

Gandhi Jayanti 2024: गांधीजी के प्रमुख नारे सर्वोत्तम नवरात्रि व्रत भोजन। Best Navratri Vrat Food Ideas वर्कप्लेस स्ट्रेस से कैसे निपटें? How To Deal With Stress At Workplace? ये साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, ना करें ये काम | Surya Grahan 2024 डिटॉक्स वॉटर के फायदे। Benefits of Detox Water दिल के लिए दुश्मन हैं ये फूड्स | Bad Foods For Heart नकली दवाओं की ऐसे करें पहचान | How To Check Fake Medicines सीकर के इन जगहों पर ना घूमा तो क्या घूमा लौकी खाने के फायदे: Benefits Of Eating Bottle Gourd नवरात्रि मां दुर्गा के नौ रूप: Navratri Nine Different Forms Of Goddess Durga